उत्तराखंडदेश-विदेशबड़ी खबरयूथ कार्नरशिक्षा

31 मई तक राज्य विवि से नहीं ली संबद्धता तो समर्थ पोर्टल से नहीं मिलेगा दाखिला

Listen to this article

देहरादून, 16 अप्रैल। प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों ने 31 मई तक राज्य विश्वविद्यालय से संबद्धता न ली तो इन महाविद्यालयों के छात्र समर्थ पोर्टल से दाखिला नहीं ले पाएंगे। उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. सीडी सूंठा ने इस संबंध में प्रदेश के 10 अशासकीय महाविद्यालय के प्राचार्यों को पत्र लिखा है। वर्तमान में यह सभी महाविद्यालय केंद्रीय विवि से संबद्ध हैं।

प्रदेश में कई अशासकीय महाविद्यालय हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। इन महाविद्यालयों को राज्य विवि से संबद्ध किया जा सके, इसे लेकर काफी समय से प्रयास किया जा रहा है। पूर्व में सरकार की ओर से अंब्रेला एक्ट का प्रस्ताव तैयार कर इसे मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था, लेकिन एक बार प्रस्ताव लौटाए जाने के बाद इसे फिर से राजभवन भेजा गया है।

सरकार का मानना है कि प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन राज्य सरकार वहन करती है। जबकि इन पर नियम केंद्रीय विश्वविद्यालय के लागू होने से यह महाविद्यालय कई बार राज्य सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करते। यही वजह है कि समय-समय पर इन महाविद्यालयों पर राज्य विवि से संबद्धता के लिए दबाव बनाया जाता रहा है। अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों का कहना है कि पूर्व में संबद्धता के इस प्रकरण को लेकर उनका वेतन तक रोक दिया गया था।

इन महाविद्यालयों को जारी किया गया पत्र https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/
उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून, डीबीएस पीजी कॉलेज देहरादून, डीडब्ल्यूटी कॉलेज देहरादून, एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून, श्री गुरु राम राय पीजी कॉलेज देहरादून, एमपीजी कॉलेज मसूरी, बीएसएम पीजी कॉलेज रुड़की, महिला महाविद्यालय सतीकुंड कनखल हरिद्वार, चिन्मय डिग्री कॉलेज हरिद्वार और राठ महाविद्यालय पैठाणी पौड़ी गढ़वाल के प्राचार्य को मेल के जरिए पत्र भेजा गया है।

सरकार अशासकीय महाविद्यालयों के साथ भेदभाव और सौतेला व्यवहार कर रही है। संबद्धता के साथ अन्य बिंदुओं पर अशासकीय महाविद्यालयों का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। ऐसे में इस तरह का आदेश जारी करना नियमों के विरुद्ध है। रही बात इन महाविद्यालयों के शिक्षकों के वेतन की तो सरकार की ओर से इस साल वेतन का सिर्फ 50 फीसदी ही बजट स्वीकृत किया गया है। यही वजह है कि शिक्षक और कर्मचारियों का वेतन दो-तीन महीने की देरी से मिल रहा है।https://sarthakpahal.com/
डॉ. प्रशांत सिंह, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ

राज्य विवि से अशासकीय महाविद्यालयों की संबद्धता के संबंध में शासन से पत्र मिला था। पत्र के आधार पर ही प्रदेश के 10 अशासकीय महाविद्यालयों को राज्य विवि से संबद्ध करने के लिए पत्र भेजा गया है। 31 मई तक इन महाविद्यालयों को राज्य विवि से संबद्धता लेना है।
प्रो. सीडी सूंठा, निदेशक, उच्च शिक्षा

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button