
देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग की अधिकारी दमयंती रावत को शासन ने वित्तीय नियमों को ताक पर रखकर 20 करोड़ की हेराफेरी में दोषी पाया है। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने इसकी पुष्टि कर दी है। शिक्षा सचिव ने कहा कि जांच के बाद संबंधित अधिकारी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई के लिए जानकारी ली जा रही है।
नियमों को ताक पर रख पद के दुरुपयोग का मामला
शिक्षा विभाग की अधिकारी दमयंती रावत पर आरोप था कि उन्होंने उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड, देहरादून के सचिव पद रहते हुए वित्तीय नियमों का उल्लंघन किया है। उन्होंने सक्षम स्तर से अनुमति के बिना ही कर्मचारी राज्य बीमा निगम को ऋण के रूप में 20 करोड़ की धनराशि हस्तांतरित कर दी। धनराशि गैर प्रशासनिक वित्तीय स्वीकृति प्राप्त परियोजना कोटद्वार में मेडिकल कालेज के लिए की गयी। शिक्षा सचिव रमन ने इस मामले में 29 जून 2022 को श्रमायुक्त की अध्यक्षता में तीन अधिकारियों की जांच समिति गठित कर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर जांच रिपोर्ट मांगी थी।
विधि विशेषज्ञों की राय का इंतजार
शिक्षा सचिव ने कहा कि इस प्रकरण की जांच रिपोर्ट मिल चुकी है। जांच में महिला अधिकारी को दोषी पाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गयी है। इस पर विधि एवं कार्मिक विभाग की बैठक भी हो चुकी है। विभागीय मंत्री ने निर्देश दिये हैं कि कार्रवाई से पहले एक बार प्रक्रिया की जांच कर ली जाये। इस पर विधि विभाग से राय ली जा रही है।
दमयंती पर हो सकती है कार्रवाई
जांच रिपोर्ट में सामने आया कि धनराशि हस्तांतरण के लिए महिला अधिकारी ने सक्षम स्तर से अनुमति नहीं ली। नियमों को ताक पर रखकर इनका उल्लंघन किया गया। तत्कालीन सचिव भी इस मामले में जांच की सिफारिश कर चुके हैं। विधि विशेषज्ञों से राय ली जा रही है कि उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाये, या वर्तमान पद से एक पद नीचे किया जा सकता है।
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