उत्तराखंडदेश-विदेशपर्यटनयूथ कार्नरशिक्षासामाजिक

विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट खुले, धरती का बैकुंठ है बदरीनाथधाम

Listen to this article

देहरादून, 12 मई। उत्तराखंड के चौथे और भारत के चारधामों में से एक बदरीनाथ धाम के कपाट आज 12 मई को सुबह 6 बजे विधि-विधान से दर्शनों के लिए सेना के बैंड की धुन और भगवान बदरी विशाल के जयकारों के बीच मंदिर के कपाट खोले गए। अब अगले 6 महीने तक भक्त बदरीनाथ धाम में भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर सकेंगे।

10 मई को खुल चुके 3 धामों के कपाट
गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट पहले ही 10 मई को खुल चुके हैं। आज बदरीनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए गए हैं। चारों ओर ‘जय बदरी विशाल’ के जयकारे धाम गंुजायमान हो उठा। विदित हो कि बदरीनाथ को भू बैकुंठ धाम भी कहा जाता है। यह धाम चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है। बदरीनाथ हिंदुओं के प्रमुख तीर्थ स्थलों में एक है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है।

धरती का बैकुंठ बदरीनाथ मंदिर
यह मंदिर वैष्णव के 108 दिव्य देसम में प्रमुख माना जाता है। इसे भू यानी धरती का बैकुंठ भी कहा जाता है. बदरीनाथ मंदिर परिसर में 15 मूर्तियां हैं. जिनमें भगवान विष्णु की एक मीटर ऊंची काले पत्थर की प्रतिमा प्रमुख है। बदरीनाथ धाम में बदरी विशाल यानी भगवान विष्णु ध्यान मग्न मुद्रा में विराजमान हैं. जिनके दाहिने ओर कुबेर, लक्ष्मी और नारायण की मूर्तियां सुशोभित हैं।

बदरीनारायण के 5 स्वरूपों में भगवान बदरी हैं श्रेष्ठ
बदरीधाम धाम में भगवान बदरीनारायण के 5 स्वरूपों की पूजा अर्चना होती है। भगवान विष्णु के इन पांचों रूपों को ‘पंच बद्री’ के नाम से भी जाना जाता है। बदरीनाथ धाम में मुख्य मंदिर के अलावा अन्य चार बद्रियों के मंदिर भी यहां मौजूद हैं, लेकिन इन पांचों में से बदरीनाथ मुख्य मंदिर हैं। इसके अलावा योगध्यान बद्री, भविष्य बद्री, वृद्ध बद्री, आदिबद्री इन सभी रूपों में भगवान बदरी विशाल यानी विष्णु निवास करते हैं। https://sarthakpahal.com/

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button