
देहरादून। 500 में सिलेंडर मिलना असंभव, यह बात अब शायद हरदा की समझ में भी आ गयी है। आखिर कांग्रेस के आला नेताओं को भी वित्तीय अनुशासन की याद आने लगी है। अब वे मुफ्त सिलेंडर के मुद्दे पर यू टर्न लेने वाले हैं और संभव है कि इसका कोई न कोई बहाना भी मिल जाए। हालांकि इसकी जरूरत तब पड़ेगी जब प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती है। वैसे भी इस बार चुनाव तो हो ही चुके हैं। जनता जनार्दन ने तो अपना फैसला ईवीएम में बंद कर ही दिया है।
अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी इस 500 रुपये में सिलिंडर की पेजीदगी को समझने लगे हैं। भविष्य में कांग्रेस की सरकार यदि बनती है तो हमारी कोशिश भी यही होगी कि सभी को पांच सौ रुपये का सिलेंडर दिया जाए। सिलेंडर के शेष पैसे सब्सिडी के रूप में उपभोक्ता के खाते में वापस कर दिया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि लेकिन इस संबंध में केंद्रीय प्रावधानों का ध्यान भी रखना होगा। हरीश रावत ये अच्छी तरह से जानते हैं कि यदि गैर योजनागत व्यय बढ़ता है तो यह वित्तीय अनुशासनहीनता के दायरे में आएगा। और इसका विपरीत असर विकास कार्यों पर पड़ेगा।