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एड्स संक्रमित चाची ने तबाह कर दी भतीजे की जिंदगी

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रुद्रपुर। रुद्रपुर में एड्स संक्रमित चाची द्वारा 15 साल के नाबालिग भतीजे के साथ यौन संबंध बनाए जाने से परिजन डरे हुए हैं। अब उनके लड़के का क्या होगा, ये सोचकर ही उनकी रूह कांप उठती है। बच्चे के परिजनों ने ट्रांजिट कैंप थाने में जाकर महिला के खिलाफ पाक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

उत्तराखंड के रुद्रपुर में 23 वर्षीय एड्स संक्रमित चाची द्वारा भतीजे से यौन संबंध बनाए जाने से नाबालिग के परिजन परेशान और डरे हुए हैं। महिला के पति की मौत भी एड्स के संक्रमण के चलते हुई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी के जरिए बच्चे के संक्रमण को कम किया जा सकता है। पुलिस ने लड़के का मेडिकल भी कराया है।

जानकारी के अनुसार महिला भतीजे को एड्स संक्रमित करना चाहती थी। इसीलिए उसने ऐसा कदम उठाया। महिला अपने गांव पूरनपुर पीलीभीत गई थी, जहां उसके जेठ का लड़का पहले से मौजूद था। महिला ने लड़के को झांसे में लेकर उससे यौन संबंध बनाए। परिजनों को जब महिला के एड्स संक्रमित होने का पता चला तो उनके पैरों से जमीन खिसक गई। परिजनों में बच्चे के भविष्य को लेकर चिंता व्याप्त है। मुख्य चिकित्साधिकारी हरेंद्रमलिक ने बताया कि बच्चे के संक्रमण को कम किया जा सकता है।

एआरटी से संक्रमण कम हो सकता है
एआरटी में तीन चार प्रकार की दवाई होती है, जो एक महीने के भीतर असर दिखाती है, लेकिन यह दवाई संक्रमित को उम्रभर खानी पड़ती है। इससे संक्रमण काफी हद तक कम हो जाता है और संक्रमित अपना जीवन आसानी से गुजार सकता है। डाक्टर के मुताबिक बच्चे की एचआईवी जांच कराई जाए। बच्चा संक्रमित न निकले तो फिर छह महीने बाद जांच कराई जाए। कभी-कभी एचआईवी के वायरस काफी समय बाद प्रभाव दिखाते हैं।

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