
श्रीनगर गढ़वाल, 25 नवम्बर। अग्निवीरों के करियर और कौशल विकास को नई दिशा देने के लिए गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर (जीआरआरसी) लैंसडाउन और हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बीच मंगलवार को एक महत्वपूर्ण एमओयू साइन किया गया. इस समझौते के तहत अब जीआरआरसी के अग्निवीर गढ़वाल विश्वविद्यालय से औपचारिक डिग्री प्राप्त कर सकेंगे.
एमओयू पर गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो श्रीप्रकाश, कुलसचिव प्रो. राकेश कुमार डोढ़ी और जीआरआरसी लैंसडाउन के कमांडेंट ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी ने हस्ताक्षर किए. विश्वविद्यालय की विभिन्न फैकल्टी ने आठ माह की अवधि में अग्निवीरों के लिए स्किल-आधारित डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स तैयार किया है. यह गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा सैन्य कल्याण के लिए चलाया जाने वाला अपनी तरह का पहला शैक्षणिक कार्यक्रम होगा.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी ने इस कदम को अग्निवीरों के भविष्य के लिए ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा मल्टी-डोमेन ट्रेनिंग के साथ यह पहल अग्निवीरों को ‘स्कॉलर वॉरियर’ बनने की दिशा में मजबूत आधार देगी. उनके करियर में मील का पत्थर साबित होगी. साथ ही उन्होंने कहा यह साझेदारी न केवल अग्निवीरों का मनोबल बढ़ाएगी बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी और अधिक मजबूत करेगी.
गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव का क्षण है कि उसे राष्ट्र के रक्षकों के साथ मिलकर कार्य करने का अवसर मिला है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी गढ़वाल विश्वविद्यालय राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देता रहेगा. कुलपति ने छात्रों से विश्वविद्यालय का नाम विश्व पटल पर स्थापित करने के लिए उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल करने का आह्वान किया.
कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त गढ़वाल राइफल्स बैंड ने ‘ओ देश मेरे’ सहित कई प्रस्तुति देकर उपस्थितजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके बाद जीआरआरसी से आए सैन्य अधिकारियों ने विश्वविद्यालय के चौरास परिसर का भ्रमण किया. कार्यक्रम में कर्नल सुमित लिंगवाल, लेफ्टिनेंट कर्नल अमित पुरी, प्रो. ओपी गुसांई, प्रो. आरएस. नेगी, वित्त अधिकारी डॉ. संजय ध्यानी सहित कई अधिकारी और शिक्षक उपस्थित रहे.



