नई दिल्ली, 6 अगस्त। बांग्लादेश में संकट अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना के इस्तीफे के बाद सेना ने देश की कमान संभाल ली है. लेकिन वहां अब अल्पसंख्यकों के लिए मुसीबत पैदा हो गई है. हिंसा और अराजकता के बीच शेख हसीना ने इस्तीफा देकर बांग्लादेश तो छोड़ दिया, लेकिन अब वहां रह रहे करीब 1 करोड़ 35 लाख हिंदुओं पर आफत आ गई.
हिंदूओं पर लगातार हमले हो रहे हैं. उनके घरों और दुकानों को निशाना बनाया जा रहा है. मंदिरों में तोड़फोड़ और आगजनी की जा रही है. जिन उपद्रवियों ने बांग्लादेश में तख्तापलट किया, पीएम हाउस में लूटपाट की, अब वो हिंदू घरों और दुकानों को निशाना बना रहे हैं.
जहां एक ओर शेख हसीना के इस्तीफे और तख्तापलट से बांग्लादेश का बड़ा तबका खुश है, तो एक तबका करीब 8 फीसदी हिंदुओं का भी है जो अब परेशान हैं. उनके घर लूटे जा रहे हैं. उनकी संपत्ति लूटी जा रही है. उनके साथ मारपीट की जा रही है. मंदिरों पर भी हमले हो रहे हैं. मंदिरों में तोड़फोड़ की जा रही है. मेहरपुर के इस्क़ॉन मंदिर के पुजारी सुमोहन मुकुंद दास ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने हमारे मंदिर की बाहरी दीवार तोड़ी. इसके बाद अंदर घुस गए और वहां भी तोड़फोड़ की.
बांग्लादेश में हिंदुओं को बनाया जा रहा निशाना
बात सिर्फ एक शहर मेहरपुर की नहीं है. पूरे बांग्लादेश में शहर दर शहर हिंदू मंदिरों और हिंदू परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है. चितगौंग में पुंडरीक इस्कॉन धाम के पुजारी की मानें तो 45 जगहों पर हिंदू मंदिरों और हिंदू परिवारों को निशाना बनाया गया. इस हिंसा में कई हिंदू नेताओं की मौत भी हो चुकी है.
90 हजार हिंदू बांग्लादेश में रहते हैं
बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचार ने पश्चिम बंगाल की सियासत के कान खड़े कर दिए हैं. प्रधानमंत्री मोदी से हिंदुओं को बचाने की अपील भी की जा रही है. पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने सरकार से हिंदुओं को बचाने की अपील की है. इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद को बताया है कि सरकार बांग्लादेश में मौजूद भारतीयों के संपर्क में है. जयशंकर ने संसद में कहा कि वहां अभी 90 हजार हिंदू रहते हैं, इनमें से 9 हजार सिर्फ छात्र हैं. इनमें से कुछ छात्र पहले ही भारत लौट चुके हैं. https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/
शेख हसीना के शासन में सुरक्षित थे हिंदू
जानकारों का मानना है कि शेख हसीना के शासनकाल में बांग्लादेश के हिंदू सुरक्षित थे. लेकिन अब वक्त बदल गया है. खालिदा जिया की पार्टी को हिंदुओं की परवाह नहीं और पाकिस्तान परस्त जमात ए इस्लामी हिंदू विरोधी है. शेख हसीना बांग्लादेश छोड़ चुकी हैं. उनके परिवार वाले दावा कर रहे हैं कि वो अब कभी बांग्लादेश नहीं लौटेंगी.