
देहरादून, 7 जुलाई। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उत्तराखंड मुख्य निर्वाचन कार्यालय समय-समय पर प्रदेश में मौजूद राजनीतिक दलों की सक्रियता की निगरानी करता रहता है. इसी क्रम में मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने प्रदेश में मौजूद 6 राजनीतिक दलों को चिन्हित किया है. इन दलों ने पिछले 6 सालों से किसी भी चुनाव में प्रतिभाग नहीं किया है, जिसके कारण 6 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
निष्क्रिय 6 पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को कारण बताओ नोटिस
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, यह सभी राजनीतिक दल ना तो पिछले 6 सालों से चुनाव में प्रतिभा कर रहे हैं और ना ही उनके कार्यों का कोई पता मिल पाया है. जिसके चलते इन सभी राजनीतिक दलों को अगले 15 दिन यानी 21 जुलाई की शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने हैं. उत्तराखंड में 42 पंजीकृत अमान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में से कई दल ऐसे हैं जो पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs- Registered Unrecognized Political Parties) बने रहने की आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. जिसके चलते प्रदेश के 6 राजनीतिक दलों को चिन्हित किया गया है.
इन राजनैतिक दलों को भेजा गया नोटिस
इन 6 दलों की अंतिम डीलिस्टिंग का निर्णय भारत निर्वाचन आयोग को लेना है. देश में राजनीतिक दलों (राष्ट्रीय/राज्यीय/अमान्यता) का रजिस्ट्रेशन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत निर्वाचन आयोग की ओर से किया जाता है. ये दल हैं-भारतीय जनक्रांति पार्टी, हमारी जनमंच पार्टी, मैदानी क्रांति दल, प्रजा मंडल पार्टी, राष्ट्रीय ग्राम विकास पार्टी, राष्ट्रीय जन सहाय दल