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पौड़ी के रिखणीखाल, धुमाकोट में बाघ की दहशत बरकरार, 21 अप्रैल तक स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र बंद

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पौड़ी। पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल और धुमाकोट के कई क्षेत्रों में बाघ की धमाचौकड़ी से दहशत अभी भी बनी हुई है। जिलाधिकारी ने सुरक्षा की दृष्टि से बाघ प्रभावित क्षेत्रों के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों को 21 अप्रैल तक बंद रखने का आदेश जारी किया है। बीते 13 व 15 अप्रैल को बाघ ने तहसील रिखणीखाल व तहसील धुमाकोट में दो ग्रामीणों को मार डाला था। जिलाधिकारी डाॅ. आशीष चौहान ने सुरक्षा के लिहाज से बाघ प्रभावित क्षेत्रों में 18 अप्रैल तक अवकाश घोषित किया गया था। जिसे अब 21 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है।

डीएम ने बाघ प्रभावित क्षेत्रों का किया था दौरा
डीएम डाॅ. आशीष चौहान ने तहसील रिखणीखाल के ग्राम डल्ला पट्टी पैनो-चार, मेलधार, क्वीराली, तोल्यूं, गाडियूं, जुई, कांडा, कोटडी तथा तहसील धुमाकोट में ग्राम ख्यूणांई तल्ली, ख्यूणांई मल्ली, ख्यूणांई बिचली, उम्टा, सिमली मल्ली, चमाड़ा, सिमली तल्ली, घोडकन्द मल्ला, घोडकन्द तल्ला, कांडी तल्ली, कांडी मल्ली, मन्दियार गांव, खड़ेत, गूम, बेलम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी विद्यालयों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों में 21 अप्रैल तक अवकाश घोषित कर दिया। डीएम ने सिमली का दौरा कर बाघ प्रभावित लोगों से मुलाकात कर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। डीएम ने रिखणीखाल तहसील के डल्ला गांव का भी दौरा किया।

मंगलवार को पूरे दिन गांव के आसपास बेधड़क घूमते रहे बाघ
रिखणीखाल ब्लॉक के बाघ प्रभावित ग्राम पंचायत मेलधार के डल्ला गांव (लड्वासैंण) में दिनभर दोनों बाघों की आवाजाही बनी रही, जिससे लोग अभी भी दहशत में हैं। इस दौरान वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन रेंज से बाहर होने के कारण सफलता नहीं मिल पाई। डल्ला गांव के लड्वासैंण में बाघ मंगलवार को भी दिनभर गांव के आसपास घूमते रहे। बाघ को पकड़ने के लिए एक छोटा पिंजरा भी लगाया गया है। https://sarthakpahal.com/

ग्रामीणों से अकेले घर से बाहर न निकलने की अपील
गढ़वाल के डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि स्थानीय ग्रामीण को सतर्क रहने हेतु जागरूक किया जा रहा है। कैमरा ट्रेप व ड्रोन से बाघ की गतिविधियों की निरंतर निगरानी की जा रही है। ग्रामीणों की सुरक्षा हेतु ग्राम डल्ला, जुई व पापड़ी में स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं। ग्रामीणों से अकेले घर से बाहर न निकलने की अपील की जा रही है। ग्रामीणों से अपील की गयी है कि यदि किसी भी व्यक्ति को बाघ की गतिविधि या उपस्थिति दिखाई दे तो इसकी सूचना तुरंत वन विभाग को दी जाए।

वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में बाघों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंगलवार को मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक भी डल्ला गांव पहुंच गए हैं। कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के डीएफओ नीरज शर्मा, लैंसडौन के डीएफओ दिनकर तिवारी, एसीएफ हरीश नेगी समेत वन अधिकारियों की टीमें बाघ प्रभावित क्षेत्र में ड्रोन व ट्रैंकुलाइजर आपरेशन टीम में काम कर रहे हैं।
स्वप्निल अनिरुद्ध, डीएफओ, गढ़वाल रेंज

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