चमोली, 6 नवम्बर। विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार 17 नवंबर को रात्रि 9 बजकर 7 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत बुधवार 13 नवंबर से पंच पूजाएं शुरू होंगी. कपाट बंद की प्रक्रिया के मौके पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय और तीर्थ पुरोहित मौजूद रहेंगे.
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि श्री पंचपूजाओं के अंतर्गत पहले दिन 13 नवंबर को भगवान गणेश की पूजा होगी. शाम को इसी दिन भगवान गणेश मंदिर के कपाट बंद होंगे. अगले दिन 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर और शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे. तीसरे दिन 15 नवंबर को खड़ग-पुस्तक पूजन और वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जाएगा. 16 नवंबर को मां लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग चढ़ाया जाएगा. 17 नवंबर को रात 9 बजकर 7 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे.
18 नवंबर को श्री कुबेर और उद्धव जी, रावल समेत आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर और श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ के लिए प्रस्थान करेगी. मंगलवार 19 नवंबर समारोह पूर्वक गद्दीस्थल श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी. इसी के साथ शीतकालीन प्रवास श्री पांडुकेश्वर और श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं आयोजित होंगी.
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड चारधाम में से श्री केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट 4 नवंबर और गंगोत्री धाम के कपाट 3 नवंबर को बंद हो चुके हैं. श्री रुद्रनाथ और श्री तुंगनाथ भगवान के कपाट भी बंद हो चुके है. श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे.