चमोली, 16 नवम्बर। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. कपाट बंद होने से पहले बड़ी संख्या में भक्त बदरीनाथ धाम पहुंचे हैं. 17 नवंबर को ब्रह्म मुहुर्त में तड़के चार बजे मदिंर भक्तों के लिए खुलेगा. रोजाना की तरह 4.30 बजे भगवान बदरी-विशाल का अभिषेक और पूचा-अर्चना होगी व दिन को भोग लगेगा. रात में 9 बजकर 7 मिनट पर भगवान बदरी-विशाल मंदिर के कपाट अगले 6 महीने के लिए बंद होगे.
बदरी-केदार मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गॉड ने बताया कि 17 नवंबर को ब्रह्म मुहुर्त बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे. पूरे दिन भक्त भगवान बदरी-विशाल के दर्शन कर सकते है. 17 नवंबर शाम को 6.45 बजे भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू होगी.
मीडिया प्रभारी डॉक्टर हरीश गॉड के मुताबिक 17 नवंबर को रावल अमरनाथ नाबुंदरी स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर गर्भ ग्रह में विराजमान करेंगे. इसके कुछ ही समय पहले श्री उदय जी और श्री कुबेर जी मंदिर परिसर में आ जाएंगे. उसके बाद रात 8 :15 बजे कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. घृत कंबल उड़ते के बाद तय समय पर रात 9:07 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे. 18 नवंबर सुबह को योग बदरी पाण्डुकेसर के लिए प्रस्थान करेंगे.