रुद्रप्रयाग, 8 दिसम्बर। उत्तराखंड में शीतकालीन चारधाम यात्रा 2024 का आगाज हो गया है. शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद किया. इस मौके पर सीएम दामी ने कहा कि शीतकालीन यात्रा से देवभूमि का तीर्थाटन एवं पर्यटन और भी सशक्त होगा. वहीं, शीतकालीन यात्रा को लेकर पहले दिन खासा उत्साह भी देखने को मिला.
ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज बाबा केदार के शीतकालीन प्रवास स्थल और पंचकेदारों के गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से चारों धामों की शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ किया. इस मौके पर सीएम धामी ने कहा कि ग्रीष्मकाल के बाद अब श्रद्धालुओं को शीतकाल में भी चारों धामों के दर्शन के सौभाग्य मिलेगा. इससे यात्रा से जुड़े हुए सभी व्यवसायियों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे.
सीएम धामी ने की श्रद्धालुओं को शीतकालीन यात्रा में आने की अपील
सीएम धामी ने कहा कि यात्रा को पूरी तैयारियां कर ली गई है. उन्होंने देशभर के लोगों के अपील करते हुए कहा कि वो शीतकालीन यात्रा के लिए चारों धामों में आएं और भगवान का आशीर्वाद लें. वहीं, सीएम धामी ने प्रशासन की ओर से यात्रा के लिए की गई व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण भी किया. साथ ही संबंधित अधिकारियों को शीतकालीन यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के निर्देश दिए.
शीतकालीन यात्रा को लेकर श्रद्धालु, तीर्थ पुरोहित और व्यवसायी खुश
वहीं, शीतकालीन यात्रा को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. जहां तीर्थ पुरोहित इसे एक अच्छा प्रयास सरकार का मान रहे हैं तो वहीं उनका ये भी कहना है कि साल भर की यात्रा शुरू होने से समस्त श्रद्धालुओं को चारों धामों में दर्शनों के अवसर प्राप्त होंगे. शीतकालीन यात्रा शुरू होने से जहां श्रद्धालुओं में खासा उत्साह दिख रहा है तो वहीं स्थानीय लोग भी बेहद खुश हैं. पहले दिन ही काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे.
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शुरू की थी पहल
प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग, वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने कहा कि शीतकालीन यात्रा को लेकर श्रद्धालु में भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. उन्होंने इसे एक अच्छी पहल माना है. गौर हो कि हाल ही में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शीतकाल चारधाम यात्रा के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था. जिसके बदरी केदार मंदिर समिति और सरकार ने भी शीतकालीन यात्रा को लेकर गंभीरता दिखाई. जबकि, साल 2023 में पहली बार शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने ही शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू की थी.
शीतकाल में यहां करें चारों धामों के देवों के दर्शन
बता दें कि शीतकाल में उत्तरकाशी के खरसाली गांव (खुशीमठ) में मां यमुना की पूजा होती है. जबकि, उत्तरकाशी जिले में ही भागीरथी नदी के किनारे बसे मुखबा गांव (मुखीमठ) में मां गंगा की पूजा अर्चना की जाती है. इसी तरह रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में बाबा केदार की शीतकालीन पूजा होती है. वहीं, चमोली के ज्योतिर्मठ के नृसिंह मंदिर में आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी की पूजा होती है तो उद्धव एवं कुबेर जी की पांडुकेश्वर में पूजाएं होती है.
अजेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में बीकेटीसी अपने अधीनस्थ मंदिरों में आधारभूत ढाँचे के विकास और यात्री सुविधाओं के विकास में जुटी हुई है। इससे शीतकाल में यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम व सरल होगी। उधर, रविवार को ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में मुख्यमंत्री धामी द्वारा पूजा- अर्चना कर शीतकालीन यात्रा की औपचारिक शुरुआत को अजेंद्र ने शीतकालीन यात्रा का शंखनाद बताया और प्रतीक स्वरूप मुख्यमंत्री को शंख भेंट किया ।