हरिद्वार, 10 दिसम्बर। राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार में मंगलवार को व्हाइट को़ट सेरेमनी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धनसिंह रावत रहे। इस दौरान सभागार में उपस्थित पहले बैच के सभी 100 बच्चों को चरक शपथ दिलाते हुए व्हाइट कोट पहनाया गया। इस व्हाइट को़ट सेरेमनी के बाद सभी स्टूटेंस के चेहरे खुशी से खिल उठे।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि धनसिंह रावत ने राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार के प्रथम बैच के स्टूडेंस से कहा कि तुम पहले बैच के सौभाग्यशाली हो, अब इस मेडिकल कॉलेज की छवि बनाना आपके हाथ में है। इस कॉलेज को एक आदर्श कॉलेज बनाने की जिम्मेदारी अब आपकी है। उन्होंने कहाकि पढ़ायी के दौरान यहां किसी प्रकार के संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी। स्टूडेंटस के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि पढ़ाई के लिए ई लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। पढ़ायी के साथ साथ खेलकूद की व्यवस्था यहां की गई है।
धनसिंह रावत ने बताया कि बेहद कम समय में कड़ी मेहनत के साथ इस मेडिकल कॉलेज की शुरूआत की गई है। इसमें केंद्र सरकार का भी विशेष योगदान रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा जो अपने यहां से हर साल 1200 डॉक्टरों को तैयार कर दूसरे राज्यों को देगा। इस समय प्रदेश में चिकित्सकों की कोई कमी नहीं है। 82 प्रतिशत डॉक्टर हैं, शेष पदों के लिए भी सरकार जल्द ही प्रक्रिया कर रही है। हर 15 दिन में इंटरव्यू कर रहे हैं ताकि फेकेल्टी की भी कमी न रहे। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में 2027 तक शतप्रतिशत डॉक्टर होंगें। स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए सर्वाधिक वेतन हम दे रहे हैं। पहाडों में दूरगामी स्थलों पर नौकरी करने वालों को वेतन से 50 प्रतिशत अधिक देने की व्यवस्था हमने की है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2025-26 में रूद्रपुर का मेडिकल कॉलेज शुरू हो जाएगा और वर्ष 2026-27 तक पिथौरागढ़ का मेडिकल कॉलेज शुरू करा दिया जाएगा। डॉ धनसिंह रावत ने कहा कि हमने व्यवस्था की है कि जो भी यहां से एमबीबीएस करेगा उसे कम से कम पांच परिवार गोद लेने होंगे। ऐसा करने से वह जमीनी स्तर से जुड़कर अपने पेशे के साथ न्याय कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को एसओपी भी तैयार करने के लिए कहा गया ताकि आने वाले समय में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। यह एसओपी सभी के लिए तैयार होगी, यहां पढ़ने वाले स्टूडेंटस के अलावा भर्ती होने वाले मरीजों और काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एसओपी तैयार की जाएगी।