देहरादून, 12 दिसम्बर। जिला पंचायतों में निवर्तमान अध्यक्षों की तर्ज पर क्षेत्र पंचायतों में ब्लाॅक प्रमुखों और ग्राम पंचायतों में निवर्तमान प्रधानों को भी प्रशासक नियुक्त कर दिया गया है। पंचायतीराज सचिव चंद्रेश कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ब्लॉक प्रमुख और ग्राम प्रधान प्रशासक की जिम्मेदारी संभालने के बाद कोई नीतिगत निर्णय नहीं लेंगे। साथ ही क्षेत्र पंचायतों में उप जिलाधिकारियों और ग्राम पंचायतों में सहायक विकास अधिकारियों को प्रशासक बनाए जाने को लेकर जो आदेश जारी किए गए थे उसे निरस्त कर दिया गया है।
बता दें कि निर्वाचित त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद सरकार ने बोर्ड को भंग करने के साथ ही प्रशासकों की तैनाती कर दी थी। इसमें जहां जिला पंचायतों में उनके अध्यक्षों को प्रशासक का जिम्मा सौंपा गया था, वहीं क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायतों मेें सरकारी अधिकारियों को प्रशासक बनाया गया था। सरकार की दोहरी नीति का ब्लॉक प्रमुखों और ग्राम प्रधानों ने विरोध कर दिया। क्षेत्र पंचायत प्रमुखों और ग्राम प्रधानों का तर्क था कि जब निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों को जिला पंचायत का प्रशासन बनाया जा सकता है तो उन्हें यह जिम्मेदारी क्यों नहीं सौंपी जा सकती है?
बता दें कि बीते दिनों सरकार के द्वारा हरिद्वार जनपद को छोड़कर बाकी जनपदों के ज़िला पंचायत अध्यक्षों को सरकार ने आगामी पंचायत चुनावो तक प्रशासक तैनात कर दिया था।जिसके बाद से ग्राम प्रधान और ब्लॉक प्रमुख भी अपने आप को ब्लॉको और गाँवो में प्रशासक बनाए जाने की माँग कर रहे थे।प्रधान संघठन और ब्लॉक प्रमुख संघठन के पदाधिकारी कई बार इस संबंध में सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात भी कर चुके थे। http://देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/
इस पर ब्लॉक प्रमुखों और ग्राम प्रधानों की मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपर सचिव पंचायतीराज युगल किशोर पंत व निदेशक पंचायतीराज समेत तीन अधिकारियों की एक कमेटी का गठन कर रिपोर्ट मांगी थी। आखिरकार समिति ने तमाम पहलुओं पर अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार, शासन को सौंपी थी। अब रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार ने क्षेत्र पंचायतों में निवर्तमान ब्लाक प्रमुखों और ग्राम पंचायतों में निवर्तमान ग्राम प्रधानों को प्रशासक की जिम्मेदारी सौंप दी है।