
देहरादून, 29 दिसम्बर। उत्तराखंड प्रवक्ता भर्ती सेवा नियमावली में संशोधन को कार्मिक विभाग की मंजूरी मिल गई है। इसके बाद प्रस्ताव कैबिनेट में आएगा। नियमावली में इस बदलाव से प्रवक्ता पद के अभ्यर्थियों को स्क्रीनिंग परीक्षा नहीं देनी होगी।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, प्रवक्ता के पद पर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों की पहले स्क्रीनिंग और इसके बाद लिखित परीक्षा होती है। स्क्रीनिंग में अभ्यर्थियों से सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इससे देखने में आया कि स्क्रीनिंग परीक्षा में ग्रुप सी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी अच्छे अंक ले आते हैं।
जीव विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी, सामाजिक विज्ञान, गणित, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान आदि विषयों के जानकार अभ्यर्थी पीछे रह जाते हैं, जिससे विभाग को विषयों के विशेषज्ञ शिक्षक नहीं मिल पा रहे। यही वजह है कि पिछले काफी समय से प्रवक्ता भर्ती से स्क्रीनिंग परीक्षा हटाने की मांग की जा रही है।
राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान के मुताबिक, छात्र हित को देखते हुए स्क्रीनिंग परीक्षा हटाई जानी चाहिए। स्क्रीनिंग परीक्षा की वजह से विभाग को विषय विशेषज्ञ नहीं मिल पा रहे हैं।
3,107 प्रवक्ताओं के पद खाली
शिक्षा विभाग में प्रवक्ताओं के 3,107 पद खाली हैं। इनमें से 2,269 पदों को पदोन्नति से भरने का प्रस्ताव है। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रमेश पैन्यूली के मुताबिक, विभाग में प्रवक्ताओं के कई पद खाली होने के बावजूद विभाग में वर्ष 2018 से इन पदों पर पदोन्नति नहीं हुई। सरकार चाहे तो छात्र हित में अन्य विभागों की तरह शिक्षकों की पदोन्नति कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रखते हुए कर सकती है।