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ट्रेनों के नंबर बदल गए, जीरो नंबरिंग सिस्टम खत्म, अब नियमित नंबरों के साथ चलेंगी

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नई दिल्ली, 1 जनवरी। भारतीय रेलवे ने 1 जनवरी से यात्री ट्रेनों को उनके नियमित नंबरों के साथ चलाने का फैसला किया है यानी अब ट्रेनों के नंबर कोविड-19 से पहले वाले हो गए हैं. रेलवे बोर्ड के एक फैसले के अनुसार, सभी यात्री ट्रेनें मौजूदा ‘0’ नंबरिंग सिस्टम के बजाय नियमित नंबरों के साथ चलेंगी.

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यात्री रेलगाड़ियां जनवरी 2025 से अपने पुराने ट्रेन नंबरों के साथ पहले के फेरे के अनुसार चलेंगी. ट्रेनों के मूल नंबर की बहाली के बारे में जानकारी देते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने कहा, सभी 60 जोड़ी ट्रेनों के ठहराव और समय का विवरण IRCTC की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है. यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपनी यात्रा शुरू करने से पहले विवरण सत्यापित करें.

इसके अलावा, पूरे रेल नेटवर्क में एक नई समय सारिणी शुरू की गई है, जो 1 जनवरी 2025 से लागू हो गई है. सभी सेवाएं चालू हैं, इन सेवाओं में विस्तारित नया उपनगरीय खंड भी शामिल है. यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इन ट्रेनों के समय में संशोधन किया गया है. इसके अलावा नई शुरू की गई वंदे भारत ट्रेनों, अमृत भारत ट्रेनों और अन्य एक्सप्रेस मेल को भी जोड़ा गया है.

ट्रेनों के यात्रा समय में कमी
नई समय सारिणी का प्रमुख आकर्षण विभिन्न ट्रेनों की गति बढ़ाना है, जिससे प्रमुख मार्गों पर यात्रा की अवधि में काफी कमी आएगी. उदाहरण के लिए, एसएमवीटी बेंगलुरु-न्यू तिनसुकिया एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 22501) का यात्रा समय 120 मिनट कम हो गया है, जबकि कामाख्या-गोमती नगर एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 15077) के यात्रा समय में 75 मिनट की कमी की गई है. इसी तरह, डिब्रूगढ़-हावड़ा एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 15962) का यात्रा समय 60 मिनट कम होगा.

कई एक्सप्रेस ट्रेनों के समय में बदलाव
इसके अलावा, देश भर में यात्रियों की जरूरतों के हिसाब से कई एक्सप्रेस ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है. उदाहरण के लिए, न्यू जलपाईगुड़ी-नई दिल्ली एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12523) अब न्यू जलपाईगुड़ी से 8:45 बजे रवाना होगी, जबकि सिलचर-तिरुवनंतपुरम सेंट्रल एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12508) अब सिलचर से 19:30 बजे रवाना होगी.

साथ ही, रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए कई डेमू ट्रेनों के समय में भी बदलाव किया है. रेलवे अधिकारी ने बताया कि इन बदलावों का उद्देश्य कनेक्टिविटी में सुधार करना और यात्रियों के लिए सुगम यात्रा अनुभव सुनिश्चित करना है.

पहली बार जनवरी में नई समय सारिणी
नए टाइम टेबल के बारे में बात करते हुए उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने ईटीवी भारत को बताया, “नई समय सारिणी पहली बार जनवरी में पेश की गई है. पिछले वर्षों में यह जुलाई में की जाती थी. इसमें हर साल बदलाव करने की जरूरत होती है क्योंकि इस साल रेलवे कई नई ट्रेनें शुरू कर रहा है, स्टॉपेज बढ़ाता या घटाता है और ट्रेनों की गति बढ़ाता है, इसलिए इन बदलावों को सुव्यवस्थित करने और यात्रियों की सुविधा के लिए उन्हें सूचित करने के लिए एक उचित मंच प्रदान करने की जरूरत है.

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