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उत्तरकाशी माघ मेले में अनूठी संस्कृति का दिखा समागम, बाड़ाहाट कु थौलू में दूर दराज से पहुंची देव डोलिया

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उत्तरकाशी, 14 जनवरी। मकर संक्रांति पर उत्तरकाशी के रामलीला मैदान में पौराणिक माघ मेले (बाड़ाहाट कु थौलू) का आगाज हो गया है. क्षेत्र के आराध्य देव कंडार देवता की देव डोली और हरि महाराज के ढोल ने संयुक्त रूप से मेले का विधिवत शुरुआत की. इस मौके पर मंच पर जिले के दूरस्थ क्षेत्रों समेत टिहरी जिले से पहुंची देव डोलियों और पश्वों के देव चमत्कारों को देख लोग अचंभित हुए.

उत्तरकाशी के रामलीला मैदान में पौराणिक माघ मेले का विधिवत शुभारंभ हो गया है. देव डोलियां चमाला की चौरी की परिक्रमा के बाद माघ मेले के मंच पर पहुंचे. इस मौके पर क्षेत्र की आराध्य देव डोलियों के सानिध्य में डीएम मेहरबान सिंह बिष्ट, मेला प्रशासन सीडीओ एसएल सेमवाल ने मेले को शुरू करवाया. इससे पहले देव डोलियों ने भागीरथी नदी पर पवित्र स्नान किया. जिससे उत्तरकाशी का माहौल भक्तिमय हो गया.

इसके बाद मंच पर स्थानीय लोगों ने विभिन्न देव डोलियों का आशीवार्द लिया और देव पश्वों के नृत्य का आनंद लिया. जबकि, विभिन्न सांस्कृतिक दलों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. इस मौके पर गोस्वामी गणेश दत्त विद्या मंदिर और ऋषि राम शिक्षक संस्थान के छात्र-छात्राओं ने स्वागत गान के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया. उद्घाटन समारोह में ऋषिराम शिक्षण संस्थान की छात्राओं ने स्वागत गान एवं नृत्य प्रस्तुत किया.

ग्रामीणों ने किया रासो एवं पांडव नृत्य: वहीं, पाटा, संगराली, बग्याल गांव, मांडौ समेत बाड़ागड़ी और बाड़ाहाट क्षेत्र के विभिन्न गांवों के लोगों ने रासो एवं पांडव नृत्य की प्रस्तुति देकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला का आगाज किया. उत्तरकाशी का यह मेला ऐतिहासिक के साथ पौराणिक भी है, जो भारत-तिब्बत व्यापार का गवाह भी रहा है.

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