
चमोली, 3 अगस्त। सीमांत जनपद चमोली में भादों के महीने में होने वाली मां नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। नंदा देवी राजराजेश्वरी मंदिर कमेटी (परगना नन्दाक बधाण) के अनुसार इस साल यह यात्रा 16 अगस्त से 30 अगस्त तक चलेगी. यात्रा का शुभारंभ 16 अगस्त को कुरुड़ धाम मंदिर से होगा, जहां से राजराजेश्वरी की डोली हिमालय के लिए प्रस्थान करेगी।
चमोली के 7 विकासखंडों से होकर निकलती है डोली
यह वार्षिक लोकजात यात्रा कई मायनों में हर बारह साल में होने वाली नंदा देवी राजजात से भी बड़ी होती है। चमोली के 7 विकासखंडों और अलकनंदा, मंदाकिनी, पिंडर घाटी के 800 से अधिक गांवों में इस दौरान उत्सव का माहौल रहता है. चारों ओर मां नंदा के जयकारे गूंजते हैं और गांवों में भारी चहल-पहल रहती है. ध्याणियां (विवाहित बेटियां) भी मां से मिलने अपने मायके पहुंचती हैं.
30 अगस्त को यात्रा का समापन होगा
यात्रा के आरंभ में 14 से 16 अगस्त तक कुरुड़ धाम में तीन दिवसीय नंदा मेले का भी आयोजन किया जाएगा. 30 अगस्त को नंदा सप्तमी के दिन यह यात्रा नरेला, बालपाटा और बेदनी बुग्याल में तर्पण और पूजा के बाद संपन्न होगी.
नंदा राजराजेश्वरी बधाण की डोली की वार्षिक लोकजात यात्रा (2025) का कार्यक्रम
* 14-16 अगस्त: कुरुड़ धाम में तीन दिवसीय मेले का आयोजन.
* 16 अगस्त: डोली कुरुड़ से चलकर चरबंग पहुंचेगी.
* 17 अगस्त: चरबंग से मथकोट.
* 18 अगस्त: मथकोट से उस्तोली.
* 19 अगस्त: उस्तोली से भेंटी.
* 20 अगस्त: भेंटी से गेरुड़.
* 21 अगस्त: गेरुड़ से डुंगरी.
* 22 अगस्त: डुंगरी से सूना.
* 23 अगस्त: सूना से चेपड़ो.
* 24 अगस्त: चेपड़ो से धारतल्ला.
* 25 अगस्त: धारतल्ला से बेराधार.
* 26 अगस्त: बेराधार से फल्दियागांव.
* 27 अगस्त: फल्दिया गांव से मुंदोली.
* 28 अगस्त: मुंदोली से वाण.
* 29 अगस्त: वाण से गेरोली पातल.
* 30 अगस्त: गेरोली से बेदनी बुग्याल, जहां नंदा सप्तमी के दिन वेदनी कुंड में तर्पण और पूजा के बाद मां नंदा को हिमालय के लिए विदा किया जाएगा.
यात्रा का समापन बेदनी बुग्याल में होने के बाद, डोली बांक, ल्वाणी, उलंग्रा, पूर्णा, जौला, बिजेपुर और बैनोली होते हुए 6 सितंबर को सिद्ध पीठ देवराड़ा में अगले छह महीने के लिए स्थापित होगी. इसके बाद उत्तरायण में देवी पुनः अपने मायके, नंदा धाम कुरुड़ के लिए प्रस्थान करेंगी.