
देहरादून। पलक झपकते ही लाशों के ढेर से जमीन पट गयी। यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर यमुनोत्री धाम से 70 किमी पहले डामटा के पास मध्य प्रदेश के तीर्थयात्रियों को बस हादसे का शिकार हो गयी। बस खाई में गिरते ही लोगों में चीख-पुकार मच गयी। बस में सवार 30 लोगों में 26 लोगों की मौत हो चुकी है।
दर्दनाक हादसे की खबर सुनते ही लोग मौके पर पहुंचे। खाई में गिरते ही बस के चकनाचूर हो गयी। जमीन पर पड़े शवों को देखकर लोग सिहर उठे। चार लोग घायल हुए हैं, जिनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री घायलों का हाल-चाल जानने देहरादून अस्पताल पहुंच गये हैं। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजे की घोषणा की है।
रविवार को शाम सवा सात बजे डामटा के पास यह हादसा हुआ। सुबह 10 बजे हरिद्वार से मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के निवासियों को लेकर यातायात पर्यटन एवं विकास सहकारी संघ लिमिटेड कंपनी की बस (यूके-04 1541) हरिद्वार से यमुनोत्री धाम के लिए निकली थी। चालक परिचालक सहित बस में 30 यात्री सवार थे। जिनमें 14 महिलाएं थीं।
हादसे की सूचना पर पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों ने घटनास्थल पर पहुंचकर मोर्चा संभाला। किसी तरह स्थानीय नागरिकों की मदद से खाई में गिरे लोगों की खोजबीन की गई। रेस्क्यू टीम में घायलों को निकालकर डामटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। ऋषिकेश के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अरविंद कुमार पांडे ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त बस को 15 मई से 15 नवंबर तक के लिए ग्रीन कार्ड जारी किया गया था। साथ ही रविवार को इसे यात्रा का ट्रिप कार्ड जारी किया गया था।
हादसे पर प्रधानमंत्री मोदी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड में हुआ बस हादसा अत्यंत पीड़ादायक है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मैं अपनी शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं। राज्य सरकार की देख-रेख में स्थानीय प्रशासन मौके पर हरसंभव सहायता में जुटा है। प्रधानमंत्री ने दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए पीएमएनआरएफ की ओर से दो-दो लाख और घायलों को 50,000 रुपये देने का ऐलान किया है।