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द्रौपदी मुर्मू ने किए कैंची धाम के दर्शन, दरबार में पहुंचने वाली पहली राष्ट्रपति बनीं

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नैनीताल, 5 नवम्बर। तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने व्यस्त कार्यक्रमों से समय निकालकर नैनीताल के प्रसिद्ध नीब करौरी कैंची धाम पहुंचीं. नैना देवी मंदिर में दर्शन के बाद राष्ट्रपति ने बाबा नीब करौरी के दरबार में माथा टेका और देश प्रदेश की खुशहाली की कामना की.

सुरक्षा कारणों से दोपहर 12 बजे तक मंदिर परिसर को जीरो जोन घोषित किया गया था और आम श्रद्धालुओं की एंट्री अस्थायी रूप से रोक दी गई थी. राष्ट्रपति के इस दौरे की खास बात यह रही कि वे भारत की पहली राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने नीब करौरी धाम में दर्शन किए. हालांकि, कैंची धाम को लेकर लोगों की आस्था लगातार बढ़ रही है.

हनुमान जी के परम भक्त माने जाते हैं बाबा नीब करौरी
बाबा नीब करौरी को हनुमान जी का भक्त माना जाता है. संत नीब करौरी बाबा ने 1960 के दशक में स्थापित किया था. यह धाम नैनीताल भवाली मार्ग पर कैंची गांव में स्थित है और चारों ओर से घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है. यहां मुख्य रूप से भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना होती है. मंदिर परिसर में बाबा नीब करौरी का समाधि स्थल भी है. जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु भजन–कीर्तन और आरती में शामिल होते हैं. खास बात ये है कि अन्य मंदिरों की तरह ना यहां फूल माला चढ़ती है और ना ही साधु संत पुजारी हैं. प्रसाद में चने का भोग और चढ़ाने के लिए भक्त अपने साथ एक कम्बल ले जाते हैं. कंबल के पीछे की कहानी ये है कि नीब करौरी वाले बाबा अक्सर यहां ठंडे मौसम में कंबल में बैठकर सत्संग किया करते थे.

धाम से जुड़ी आस्था
नैनीताल-अल्मोड़ा के बीच छोटे से इस पॉइंट पर बने इस मंदिर में पिछले कुछ वर्षों में बाबा नीब करौरी के प्रति श्रद्धा न केवल देश बल्कि विदेशों में भी तेजी से बढ़ी है. एप्पल के संस्थापक रहे स्टीव जॉब्स, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स, क्रिकेटर विराट कोहली और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा जैसी जानी मानी हस्तियां इस धाम में दर्शन कर चुकी हैं. अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आगमन इस सूची में नया ऐतिहासिक अध्याय जोड़ गया है. साल के बारह महीने इस मंदिर के कपाट खुले रहते हैं और रोजाना हजारों की संख्या में भक्त इस अलौकिक जगह पर पहुंच कर यहां की शक्ति का अनुशरण करने पहुंचते हैं.

सरकार की पहल और बदलता स्वरूप
श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने धाम को मॉडल धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना शुरू की है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रशासन यहां भीड़ नियंत्रण प्रणाली स्वचालित पंजीकरण व्यवस्था, एएनपीआर कैमरे, सड़क चौड़ीकरण और नई पार्किंग व्यवस्था लागू कर रहा है. भविष्य में यहां एक डिजिटल सूचना केंद्र और धार्मिक पर्यटन गलियारा विकसित करने की योजना भी है. सरकार द्वारा ठीक केदारनाथ और बदरीनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के साथ-साथ नीब करौरी धाम का भी अब बेहतर तरीके से कायाकल्प हो, इसके लिए बाकायदा 1 प्रस्ताव भी केंद्र को भेजा गया है. इसके साथ ही नीब करौरी धाम में आने वाले भक्तों को गाड़ी खड़ी करने से लेकर रहने और खाने पीने की व्यवस्था बेहतर हो सके, इसके लिए भी राज्य सरकार ने फिलहाल लगभग 5 करोड़ से अधिक रुपए जारी किए हैं.

इसके साथ ही नैनीताल के जिलाधिकारी को यह निर्देश दिए गए हैं कि आने वाले समय में एक मास्टर प्लान के तहत नीब करौरी धाम का कायाकल्प किया जाए, जिसमें फूड कॉर्नर मेडिटेशन सेंटर गार्डन के साथ-साथ रुकने और खाने पीने की व्यवस्था भी बेहतर तरीके से की जाए.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की मानें तो ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि राष्ट्रपति 3 दिन उत्तराखंड में रही हैं और उनका आध्यात्मिक लगाव देखते ही बन रहा है. हमारी सरकार नीब करौरी धाम को आने वाले समय में बड़े स्तर पर विकसित कर रही है और आने वाले दिनों में पूरे क्षेत्र का स्वरूप बदल जाएगा.

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