
पिथौरागढ़, 21 अप्रैल। दुनिया में AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का तेजी से इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. अब उत्तराखंड के सीमांत पिथौरागढ़ के सरकारी स्कूल में भी एआई AI रोबोट पहुंच गया है. जहां नेपाल से सटे राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय जाजर चिंगरी में पढ़ने वाले 52 छात्र-छात्राओं को पहली एआई टीचर मिली हैं. छात्र-छात्राएं अपनी एआई टीचर से प्रश्न करते हैं, जिसका जवाब वो दे देती हैं.
रोबोटिक टीचर बच्चों के बीच आकर्षण का केंद्र
दरअसल, पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से लगे राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय जाजर चिंगरी के स्कूल में इन दिनों रोबोटिक टीचर बच्चों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. प्रधानाध्यापक चंद्रशेखर जोशी की पहल पर विद्यालय में रोबोटिक टीचर की व्यवस्था की गई. जो अब बच्चों के सवालों का जवाब देती है. बिजली और संचार सुविधा की बदौलत चलने वाले रोबोटिक टीचर को अपने सवालों का जवाब देते देख बच्चे खुशी से झूम उठे.
गणित के शिक्षक की कमी करेगी दूर
राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय जाजर चिंगरी में लंबे समय से गणित के शिक्षक नहीं है, लेकिन अब एआई टीचर के विद्यालय में पहुंचने के बाद बच्चों को गणित विषय के शिक्षक की कमी नहीं खलेगी. AI टीचर बच्चों को जोड़, घटाने से लेकर पहाड़े तक बोलकर सुना रही है.देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/
नवाचारों के लिए मशहूर है जाजर चिंगरी स्कूल
जाजर चिंगरी स्कूल अपने नवाचार के लिए मशहूर है. मशरूम उत्पादन से लेकर ईको क्लब, रोजगारपरक शिक्षा, बैग फ्री डे, आनंदम जैसे नए-नए प्रयोग कर विद्यालय ने अन्य सरकारी स्कूलों को नई राह दिखाई है. इन नवाचारों के लिए प्रधानाध्यापक चंद्रशेखर जोशी को ‘शैलेश मटियानी पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है. जहां नेटवर्क की समस्या, वहां पहुंची रोबोट टीचर? यह स्कूल पिथौरागढ़ से करीब 40 किलोमीटर दूर है. यहां मोबाइल नेटवर्क की भी काफी समस्या होती है. 4G और 5G की सुविधा भी ठीक नहीं है. इन सबके बावजूद यहां एक रोबोट टीचर का होना सभी को हैरान कर रहा है.
इस अनोखी पहल के पीछे है स्कूल का एक शिक्षक
स्कूल के शिक्षक चंद्रशेखर जोशी ने खुद अपने दम पर इस रोबोट को तैयार किया. उन्होंने 4 लाख रुपए खर्च करके इस AI टीचर ‘इको’ को बनाया. ये रोबोट बच्चों के हर सवाल का तत्काल जवाब देती है. यह रोबोट टीचर स्कूल के बरामदे में पढ़ाती हैं, जहां पर थोड़ा अच्छा इंटरनेट का सिग्नल मिल जाता है. प्रधानाध्यापक चंद्रशेखर जोशी की मानें तो बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके, इसके लिए चाइना से रोबोटिक टीचर मंगाया गया. विद्यालय में लंबे समय से गणित के शिक्षक नहीं हैं. रोबोटिक टीचर के जरिए अब बच्चों को गणित भी पढ़ाया जा सकेगा. आज जाजर चिंगरी गांव का यह सरकारी स्कूल पूरे देश के लिए मिसाल बन गया है. https://sarthakpahal.com/
वर्तमान दौर तकनीक का है. बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके, इसके लिए चीन में रहने वाले अपने एक मित्र से रोबोटिक टीचर को लेकर चर्चा की. साढ़े 4 लाख रुपए की रोबोटिक टीचर को यहां तक पहुंचाने में कुछ आर्थिक मदद उनके मित्र और कुछ धनराशि खुद वहन की. बीती दिनों एआई टीचर का इस्तेमाल कर बच्चों का दिखाया भी गया. यह एआई टीचर 22 भाषाओं में सवालों का जवाब दे सकती है.
चंद्रशेखर जोशी, प्रधानाध्यापक, राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय जाजर चिंगरी