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उत्तराखंड के सरकारी, निजी स्कूलों में हर महीने के अंतिम शनिवार को पढ़ाई की छुट्टी

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देहरादून, 24 अप्रैल। प्रदेश के सरकारी और निजी सभी स्कूलों में महीने के अंतिम शनिवार को बस्ते की छुट्टी रहेगी। उत्तराखंड बोर्ड के स्कूल हों या फिर सीबीएसई, आईसीएससी, संस्कृत और भारतीय शिक्षा परिषद के स्कूल सभी में बच्चों के कंधों पर बस्ते नहीं होंगे। सरकार ने हर महीने के अंतिम शनिवार को बस्ता मुक्त दिवस मनाने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत के मुताबिक इसी शनिवार से इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा।

उत्तराखंड के स्कूलों में बैगलेस डे
उत्तराखंड के सरकारी और निजी स्कूलों में अब महीने के एक दिन बच्चों को बैग लेकर स्कूल जाने की जरूरत नहीं होगी. शिक्षा विभाग ने इसके लिए एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत बच्चों को अब एक दिन बिना बैग के स्कूल आना होगा. इस दिन स्कूल में शैक्षणिक कार्यों की जगह दूसरी गतिविधियां करवाई जाएंगी. इस दिन को बैगलेस डे के रूप में लागू किया जायेगा.

महीने के अंतिम शनिवार को नहीं होगी पढ़ाई
शिक्षा विभाग ने इसके लिए महीने का 1 दिन तय किया है. ऐसे में महीने के आखिरी शनिवार को पढ़ाई के बदले विभिन्न गतिविधियां स्कूलों में कराई जाएंगी और यह दिन बैगलेस डे रहेगा. इस दिन सभी बच्चे बिना स्कूली बस्ते के अपने-अपने स्कूल जाएंगे और पढ़ाई करने के बजाय दूसरी सृजनात्मक गतिविधियों को करेंगे.

आईसीएससी बोर्ड को दो महीने का दिया समय
प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में बस्ते का वजन अब डेढ़ से लेकर पांच किलोग्राम तक होगा। सभी स्कूलों में यह व्यवस्था अभी से लागू होगी, केवल आईसीएससी बोर्ड को इसके लिए दो महीने का समय दिया गया है।

अब पांच किलोग्राम से अधिक नहीं होगा बस्ते का वजन
जुलाई से इस बोर्ड के स्कूलों को भी बस्ते का वजन कम करना होगा। प्रदेश में कक्षा एक से दो के बच्चों का वजन डेढ़ किलो, कक्षा तीन से चार का वजन दो से चार किलो, कक्षा छह से आठवीं के बच्चों के बस्ते का वजन चार किलो, आठ से नौंवी का चार से पांच किलो और कक्षा 10 वीं बच्चों के बस्ते का वजन पांच किलोग्राम से अधिक नहीं होगा।

बैगलेस डे की व्यवस्था का ये लोग करेंगे निगरानी
राज्य में इस व्यवस्था को कड़ाई से लागू करने के लिए ब्लॉक स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी, जिला स्तर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी और राज्य स्तर पर महानिदेशक शिक्षा नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं. सभी नोडल अधिकारियों को इस व्यवस्था का पालन करवाने के लिए औचक निरीक्षण करने के लिए भी कहा गया है.

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