
चमोली, 24 मई। सिखों के पवित्र धर्मस्थल श्री हेमकुंड साहिब के कपाट आज 25 मई रविवार को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ हेतु खोल दिए गए हैं. कपाट खुलने की सभी तैयारी श्रीहेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट और प्रशासन की ओर से पूरी कर ली गई है. 25 मई की सुबह पंच प्यारों की अगुवाई में सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था हेमकुंड साहिब पहुंचेगा. इसके बाद पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ श्री हेमकुंड साहिब के कपाट सामान्य श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ हेतु आधिकारिक रूप से खोल दिए जाएंगे. सप्तश्रृंगी चोटियों के मध्य दशम गुरु गोविंद सिंह जी की पवित्र तपस्थली धरती श्री हेमकुंड साहिब जी का अमृत कुंड हिम सरोवर अभी भी बर्फ से जमा हुआ नजर आ रहा है.
7 क्विंटल फूलों से सजाया गया है गुरुद्वारे को
विश्व विख्यात हेमकुंड साहिब की यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रशासन और गुरुद्वारा कमेटी की ओर से हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की गई हैं. हालांकि धाम में अभी भी बर्फ जमी हुई है. श्री हेमकुंड साहिब दरबार को 7 क्विंटल फूलों से सजाया गया है. श्री हेमकुंड साहिब जी की यात्रा को लेकर सिख श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है. अभी तक तकरीबन 75 हजार श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा दिया है और ये सिलसिला जारी है. करीब 4000 श्रद्धालु श्री हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने के दौरान मौजूद रहेंगे.देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/
शनिवार को पंच प्यारों की अगुवाई में पहला जत्था रवाना
वहीं शनिवार को गोविंदघाट गुरुद्वारे से पंच प्यारों की अगुवाई में सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था ‘बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के जयकारों के साथ श्री हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुआ था. इस दौरान कड़ी पुलिस सुरक्षा एवं बैंड बाजों की धुन और पवित्र निशान के साथ जत्था रवाना हुआ. जत्थे ने रात्रि विश्राम घांघरिया स्थित गुरुद्वारे में किया.
25 हजार श्रद्धालु करा चुके हैं ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
बता दें कि हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए अब तक तकरीबन 75 हजार श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा दिया है. ये सिलसिला ऑफलाइन भी जारी है. समुद्र तल से करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित हुकुम साहिब जी श्रीहेमकुंड साहिब धाम के कपाट खुलने से पहले 15 किलोमीटर के पैदल गुरु आस्था पथ समेत सभी तैयारियों पूरी कर ली गई है. वहीं श्रद्धालुओं के लिए तमाम मूलभूत सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है. गोविंद घाट गुरुद्वारे के समीप अलकनंदा नदी के ऊपर नया पुल बनने के बाद कुछ दूरी तक श्रद्धालुओं को पैदल चल कर छोटे वाहनों से पुलना गांव तक का सफर तय करना होगा. जिसके बाद श्रद्धालु आगे गुरु धाम के लिए पैदल यात्रा समेत एडीसी भ्यूंडार के माध्यम से उचित दरों पर डंडी कंडी, पालकी, घोड़ा खच्चर आदि बुक कर सकते हैं.