
ऋषिकेश, 28 मई। भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पत्नी सविता कोविंद और बेटी स्वाति कोविंद के साथ परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचे। परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमारों ने पुष्प वर्षा, शंख ध्वनि और वेदमंत्रों से उनका अभिनंदन किया। आश्रमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और रामनाथ कोविंद ने महात्मा गांधी के आदर्शों, भारतीय संस्कृति, मूल्यों और संस्कारों पर चर्चा की। स्वामी ने पूर्व राष्ट्रपति को रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर कर मां गंगा के पावन तट पर अभिनंदन किया।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा रामनाथ कोविंद का जीवन स्वयं एक प्रेरणा है। एक साधारण ग्रामीण परिवेश से निकलकर भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक की यात्रा अत्यंत सादगी, समर्पण और मूल्यों से युक्त है। भारतीयता केवल एक भूगोल नहीं, बल्कि एक भाव है, जिसमें विविधता में एकता, संस्कृति में श्रद्धा और जीवन में सह-अस्तित्व की भावना रची बसी है।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गांधी के लिए रामराज्य केवल धार्मिक अवधारणा नहीं, बल्कि एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था थी, जिसमें कोई भूखा न हो, कोई शोषित न हो और हर व्यक्ति को सम्मान, न्याय व अधिकार मिले। यह संकल्पना आज के युग में भी उतनी ही आवश्यक है, जितनी स्वतंत्रता संग्राम के समय थी। उन्होंने गंगा एक्शन परिवार, ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस और स्वच्छता व जल संरक्षण अभियानों की सराहना करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और परमार्थ निकेतन की ओर से इस दिशा में किया जा रहा कार्य वास्तव में वैश्विक प्रेरणा है।देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/