
चकराता, 29 मई। उत्तराखंड सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) टीम रिश्वतखोरों पर लगातार कार्रवाई कर रही है. आए दिन कोई ना कोई कर्मचारी या अधिकारी रिश्वत की शिकायत पर विजिलेंस के हत्थे चढ़ रहा है. इसी बीच राजधानी देहरादून में एक पटवारी को विजिलेंस द्वारा पकड़ने का मामला लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग पटवारी के द्वारा किए गए ‘कांड’ पर हंस भी रहे हैं तो दूसरी तरफ विजिलेंस के अधिकारी उसकी इस हरकत से थोड़े परेशान भी हैं. हालांकि, विजिलेंस की कार्रवाई जारी है.
14 दिन की न्यायिक हिरासत में पटवारी
फिलहाल विजिलेंस ने 27 मई को आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जिला कारागार देहरादून भेज दिया गया है. वहीं विजिलेंस के मुताबिक, सोशल मीडिया पर पटवारी को जमानत पर छोड़ने आदि संबंधी वायरल हो रही खबरें भ्रामक और असत्य हैं.
ये है पूरा मामला
दरअसल, शिकायतकर्ता ने टोल फ्री नंबर 1064 पर कॉल कर विजिलेंस को शिकायत दर्ज कराई थी और बताया था कि उसके भाइयों के जाति प्रमाण पत्र व मूल निवास प्रमाण बनाने के एवज में पटवारी गुलशन हैदर रिश्वत मांग रहा है. उसने आईडी व दो हजार रुपए लेकर 26 मई को तहसील कार्यालय बुलाया है. शिकायत को गंभीरता से लेते हुए देहरादून के कालसी में विजिलेंस ने बीती 26 मई को पटवारी गुलशन हैदर को 2000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था.
विजिलेंस अपनी आगे की कार्रवाई कर ही रही थी कि तभी पटवारी ने मौका देखते ही रिश्वत के नोट (500-500 के चार नोट) तुरंत चबा लिए. फुर्ती से किए गए इस काम को जब तक विजिलेंसकर्मचारी रोक पाते तब तक पटवारी नोट निगल चुका था. विजिलेंस टीम के सामने घटी इस घटना से सभी अचानक परेशान हो गए. तत्काल पटवारी को हिरासत में लेकर सरकारी अस्पताल ले जाया गया.
सिटी स्कैन से लेकर अल्ट्रासाउंड तक सब हो चुके
अस्पताल में पटवारी का सीटी स्कैन कराया गया, लेकिन सीटी स्कैन में डॉक्टरों को नोटों से संबंधित कुछ जानकारी नहीं मिली. ऐसे में पटवारी की गिरफ्तारी के लिए विजिलेंसको सबूत के लिए पटवारी का अल्ट्रासाउंड भी कराना पड़ा. हालांकि, अभी तक अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट आनी बाकी है.
पटवारी के खिलाफ और भी हैं सबूत
अब विजिलेंसटीम डॉक्टर के साथ मिलकर पटवारी की हर गतिविधि और सेहत पर नजर रख रही है. एक साथ चार नोट खाने के बाद किसी तरह की पटवारी को दिक्कत ना हो, इस बात का भी ख्याल रखा जा रहा है.
अगर मेडिकल जांच रिपोर्ट में नोट की जानकारी नहीं मिली तब भी विजिलेंसके पास पर्याप्त सबूत हैं. जैसे ऑडियो वीडियो क्लिपिंग के साथ पटवारी के हाथ के केमिकल सैंपल.
डॉक्टर वी मुरुगेशन, निदेशक, विजिलेंस
विजिलेंसकी ओर से अपील
यदि राज्य के सरकारी विभागों में नियुक्त कोई अधिकारी या कर्मचारी अपने पद या कार्य के संपादन में किसी प्रकार का दावा बनाकर रिश्वत की मांग करता है तो उसकी शिकायत विजिलेंस टीम को करें. कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064, व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 9456592300 और vighq_uk@nic.in पर कर सकता है.