
कोटद्वार, 30 मई। बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय का इंतजार कर रहे करोड़ों लोगों के लिए बड़ी खबर सामने आई है. कोटद्वार की ADJ (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश) रीना नेगी की अदालत ने आज तीनों आरोपियों पुलकित आर्या, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को दोषी करार दिया है. दोनों को दोषी करार देने के बाद कोर्ट ने उन्हें सजा भी सुना दी है.
अंकिता की हत्या के दोषियों को आजीवन कारावास
अंकिता भंडारी हत्याकांड में मुख्य दोषी पुलकित आर्या को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई. सह-आरोपी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी आजीवन कारावास की सजा के साथ जुर्माना लगाया गया. पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश कोर्ट ने दिया है.
कोर्ट ने सुनाई ये सजा
अंकिता भंडारी मर्डर केस में माननीय न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोटद्वार रीना नेगी द्वारा-
अभियुक्त पुलकित आर्य को धारा 302 आईपीसी में कठोर आजीवन कारावास व 50,000 जुर्माना, धारा 201 आईपीसी में 5 वर्ष कठोर कारावास व 10,000 रुपए जुर्माना, धारा 354क आईपीसी में 2 वर्ष का कठोर कारावास व 10,000 जुर्माना व धारा 5(1)घ आईटीपीए एक्ट में 5 वर्ष का कठोर कारावास व 2,000 जुर्माने की सजा सुनाई गई है. कुल 72 हजार रुपए का जुर्माना.
अभियुक्त सौरभ भास्कर व अभियुक्त अंकित गुप्ता को धारा 302 आईपीसी में आजीवन कठोर कारावास व 50,000 रुपए जुर्माना, धारा 201 आईपीसी में 5 वर्ष कठोर कारावास व 10,000 जुर्माना व 5(1)घ आईटीपीए एक्ट में 5 वर्ष का कठोर कारावास व 2,000 जुर्माना की सजा सुनाई है. दोनों को कुल 62 हजार रुपए का जुर्माना.
तीनों की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 357क के तहत कुल 4 लाख रुपए प्रतिकर मृतक अंकिता के परिजनों को देना है.
टिहरी जेल से कोटद्वार जेल लाया गया पुलकित आर्या
गौरतलब है कि मुख्य आरोपी पुलकित आर्या को आज टिहरी जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच कोटद्वार लाया गया. कोर्ट परिसर और उसके आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो. पौड़ी गढ़वाल के एसएसपी लोकेश्वर सिंह खुद सुरक्षा पर नजर रखे हुए थे.
ये है मामले की पृष्ठभूमि
अंकिता भंडारी की हत्या सितंबर 2022 में हुई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. वह पुलकित आर्या के रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर कार्यरत थी. अंकिता भंडारी पर अवैध गतिविधियों में शामिल होने का दबाव बनाए जाने के आरोप लगे थे. विरोध करने पर उनकी हत्या कर दी गई थी. इस केस को लेकर पूरे उत्तराखंड सहित देशभर की जनता की निगाहें आज के फैसले पर टिकी थीं. कोर्ट के इस निर्णय से अंकिता के परिजनों और समाज को राहत मिली है. हालांकि अंकिता भंडारी के माता-पिता बेटी के हत्यारों के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहे थे. बता दें कि, मुख्य दोषी पुलकित आर्या के पिता विनोद आर्या त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में राज्य मंत्री रहे थे. वहीं, भाई अंकित आर्या को तीरथ सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा मिला था. ये प्रकरण सामने आने के बाद दोनों को तमाम पदों से हटाते हुए पार्टी से बाहर कर दिया गया था.
पुलकित आर्या था मुख्य आरोपी
अंकिता भंडारी हत्याकांड में यमकेश्वर के वनंत्रा रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्या मुख्य आरोपी था. इस मामले में पुलकित आर्या और उसके दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. अंकिता भंडारी हत्याकांड के खुलासे के लिए डीआईजी (कानून-व्यवस्था) पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई थी.
फैसले की डेटलाइन
पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी 2023 को अंकिता भंडारी हत्या मामले की पहली सुनवाई हुई थी. इसके बाद पक्ष और विपक्ष की ओर से दलीलों का 2 साल 8 महीने तक लंबा दौर चला. आज शुक्रवार 30 मई 2025 को कोटद्वार की एडीजे कोर्ट ने पहले तीनों आरोपियों को दोषी पाने का फैसला सुनाया. दोषी पाने का फैसला सुनाने के कुछ समय बाद ही अदालत ने अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य दोषी पुलकित आर्या और उसके दो कर्मचारियों और सहयोगियों अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को आजीवन कारावास की सजा सुना दी.