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हिंदी पत्रकारिता दिवस पर डिग्री कालेज बिथ्याणी में संगोष्ठी का आयोजन

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यमकेश्वर, 30 मई। 30 मई 2025 को महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय, बिथयाणी यमकेश्वर में हिंदी विभाग द्वारा हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर योगेश कुमार शर्मा रहे, जिन्होंने विस्तारपूर्वक हिंदी पत्रकारिता के विषय में अपने विचारों से अवगत कराया।

उन्होंने बताया की 30 मई 1826 को हिंदी का पहला समाचार पत्र उदंत मार्तंड प्रकाशित हुआ था, हालांकि पहले अंक के प्रकाशन के सिर्फ 6 महीने बाद ही इसे बंद कर देना पड़ा था। अखबार बंद तो जरूर हो गया, लेकिन इसने ऐसी चिंगारी भड़काई, जिसकी आग आज भी बरकरार है और हिंदी पत्रकारिता के रूप में इसने एक विशाल स्वरूप ले लिया है. यही वजह है कि आज का दिन हिंदी पत्रकारिता दिवस के तौर पर मनाया जाता है.

कोलकाता में था उदंत मार्तंड का दफ्तर
पंडित जुगल किशोर शुक्ल रहने वाले तो कानपुर के थे, लेकिन उन्होंने हिंदी अखबार के प्रकाशन के लिए कोलकाता शहर को चुना. उस जमाने में कोलकाता भारत का सबसे बड़ा शहर और अंग्रेजों का गढ़ माना जाता था. वहां से कई तरह की व्यापारिक गतिविधियां संचालित होती थीं. इसके अलावा अंग्रेजी, बांग्ला, फारसी और उर्दू में कुछ समाचार पत्रों का भी वहां से प्रकाशन हो रहा था. ऐसे में जुगल किशोर शुक्ल ने वहां से हिंदी भाषियों के लिए साप्ताहिक अखबार निकालने का फैसला लिया.

संगोष्ठी में डॉ गिरिराज, डॉ उमेश त्यागी, डॉ राम सिंह सामंत, डॉ विनय कुमार पांडेय, डॉ नीरज नौटियाल, डॉ सुनील प्रसाद, पूजा रानी, डॉ हिमानी बडोनी, डॉ केशव प्रसाद डबराल ने भी हिंदी पत्रकारिता के संबंध में अपने-अपने विचार रखे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ नीरज नौटियाल के द्वारा किया गया, संगोष्ठी में महेंद्र सिंह बिष्ट, मनेन्द्र सिंह बिष्ट, संजय रतूड़ी, पूनम, बीना, सुनील रावत, अरविंद कुमार आदि उपस्थित रहे।

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