परिवार वालों का योगी से मिलने का लंबा इंतजार खत्म

यमकेश्वर। परिवार वालों का योगी से मिलने का लंबा इंतजार आखिर खत्म हुआ। मंगलवार को जब योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश से अपने तीन दिवसीय दौरे पर अपने घर पंचुर पहुंचे। गांव के लोगों में, रिश्तेदारों में और खासकर उनके परिवार के लोगों में काफी उत्साह था।
जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लाक में पंचुर गांव स्थित है। यही योगी आदित्यनाथ का पैतृक गांव है। योगी पांच साल बाद अपने पैतृक गांव पंचुर पहुंचे थे। इससे पहले मंगलवार को उन्होंने बिथ्याणी में गुरु गोरखनाथ डिग्री कालेज में अपने गुरु अवैद्यनाथ की मूर्ति का अनावरण कर एक कार्यक्रम को संबोधित किया था।
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मंझेड़ा गांव से सुमित्रा देवी भी पहुंची थी भाई योगी से मिलने
पैतृक गांव पंचुर में योगी आदित्यनाथ को मिलने वालों का तांता लगा रहा। आसपास के लोगों के अलावा उनके रिश्तेदार लगातार उनसे मिलते रहे। पंचुर से पांच किलोमीटर दूर मुझेड़ा गांव पड़ता है, जहां पर इनकी दीदी सुमित्रा देवी रावत रहती हैं। मुंडन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सुमित्रा देवी परिवार सहित पंचुर गांव पहुंची थी। इनके साथ इनके पति हनुमान सिंह रावत, बेटे राजपाल, सतपाल और जयपाल रावत भी थे। योगी आदित्यनाथ के साथ करीब आधे घंटे तक इन्होंने अपनी बातें साझा कीं। योगी से मिलकर इन्हें बहुत खुशी हुई। दीदी सुमित्रा रावत का कहना है कि योगी ने जब उनके कंधों पर हाथ रखा तो उन्हें लगा कि जैसे जिंदगी भर का सारा दुखदर्द खत्म हो गया।
योगी ने गौशाला में गाय को खिलाई रोटी
योगी ने सुबह घर की गौशाला में गाय को रोटी खिलाई। उसके बाद वह अपने भाई शैलेंद्र सिंह बिष्ट, महेंद्र सिंह बिष्ट, और बहनोई पूर्ण सिंह पयाल के साथ घर के खेत की तरफ चले गए। वहां खड़े होकर वह दूर तक खेतों को निहारते रहे। नास्ते में उन्होंने लौकी की सब्जी, सूखे चने, दलिया और रोटी खाई।



