
देहरादून, 4 अगस्त। उत्तराखंड में दूसरे दिन भी तेज बारिश मैदान से लेकर पहाड़ तक मुश्किलें बढ़ा सकती है। आज (मंगलवार) देहरादून समेत नैनीताल, चम्पावत, ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर और टिहरी जिले के कुछ हिस्सों में भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि अन्य जिलों में भी तेज दौर की बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक रोहित थपलियाल ने बताया, प्रदेश भर में 10 अगस्त तक भारी बारिश होने की संभावना है। खासकर पर्वतीय इलाकों में तेज दौर की बारिश के आसार हैं। वहीं, बारिश की वजह से सुरक्षा को देखते हुए देहरादून, पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार में मंगलवार को भी स्कूल बंद रहेंगे।
नदियों का जलस्तर खतरे के पास पहुंचा
बारिश के चलते नदियों का जल स्तर खतरे के स्तर के पास पहुंच गया। हालांकि अधिकांश जगह जल स्तर स्थिर है या कम हो रहा है। सिंचाई विभाग केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार तीन बजे तक मायाकुंड ऋषिकेश में गंगा नदी का खतरे का स्तर 340.50 मीटर है, यहां पर नदी का जल स्तर 338.60 पहुंच गया। यहां पर नदी का जलस्तर कम हो रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार हरिद्वार में खतरे का जलस्तर 294 मीटर है, यहां पर 292.75 मीटर (शाम चार बजे) पर जल स्तर पर पहुंच गया।
मलबा आने से चार हाईवे सहित 117 सड़कें बंद
पहाड़ों में बारिश आफत बनकर बरस रही है। बारिश के बाद मलबा आने से चार हाईवे सहित 117 सड़कें बंद हो गई हैं। इसमें पांच राज्यमार्ग और 79 ग्रामीण सड़कें भी शामिल हैं।
ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग में महरगांव और स्यानाचट्टी के पास 25 मीटर भूधसाव हुआ है। जिसे देखते हुए यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। उत्तरकाशी जिले में ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी डबरानी के पास मलबा और पहाड़ी से पत्थर गिरने की वजह से बंद है। इस जिले में एक जिला और 17 ग्रामीण मार्ग भी बंद हैं। पिथौरागढ़ जिले में भी बारिश के बाद जगह-जगह सड़कों पर मलबा आ गया है। जिले में तवाघाट-सोबला राष्ट्रीय राजमार्ग में तवाघाट के पास पहाड़ी से बड़े पत्थर आ गए हैं। इसके अलावा तवाघाट-घटियाबगड़-लिपुलेख राष्ट्रीय राजमार्ग के किलोमीटर 61.600 पर पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। जिले में दो राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ ही 19 ग्रामीण मार्ग भी बंद हैं।
इन जिलों में इनती सड़कें हैं बंद
बारिश के बाद मलबा आने से अल्मोड़ा जिले में दो, बागेश्ववर में चार, चमोली और देहरादून में आठ-आठ सड़कें बंद हैं। इसके अलावा नैनीताल जिले में 13, पौड़ी में 20, रुद्रप्रयाग में 13, टिहरी में आठ सड़कें बंद हैं।
पौड़ी नेशनल हाईवे: कोटद्वार और गुमखाल के बीच पांच जगहों पर मलबा गिरने से हाईवे साढ़े चार घंटे तक बंद रहा। इसके कारण शिक्षक, कर्मचारी और छात्र अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाए।
ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे: नरेंद्रनगर के पास एक नाले में उफान आने से यह हाईवे लगभग साढ़े चार घंटे तक बंद रहा। मलबा आने से एक कार भी फंस गई।
यमुनोत्री हाईवे: स्यानाचट्टी के पास सड़क का करीब 25 मीटर हिस्सा धंस गया, जिससे आवाजाही बंद हो गई। ओजरी डाबरकोट और पालीगाड में भी मलबा गिरने से सड़क बाधित रही।
अन्य सड़कें: कर्णप्रयाग-पोखरी मार्ग पर पेड़ गिरने से सड़क साढ़े तीन घंटे तक बंद रही। लक्ष्मणझूला-दुगड्डा-धुमाकोट स्टेट हाईवे सहित 8 से अधिक ग्रामीण सड़कें भी भूस्खलन और पेड़ गिरने से ठप हो गईं।