
उत्तरकाशी, 6 अगस्त। धराली की तबाही के बाद सभी रास्ते बंद हो गए, लेकिन सेना और आईटीबीपी के जवान मोर्चा संभाले हुए हैं। 25 फीट ऊंचे मलबे में फंसे ग्रामीणों तक पहुंचने के लिए रास्ता बनाया जा रहा है। राहत अभियान में सेना की पूरी ताकत झोंक दी गई है।
बादल फटने के कहर के बाद जब हर तरफ मलबा, तबाही और चीखें थीं, तब सेना लोगों के लिए उम्मीद बनकर सामने आई। आईटीबीपी और आर्मी के जवानों ने अस्थाई पुल बनाने की कोशिश शुरू की है, ताकि गांव में फंसे 200 लोगों तक राहत पहुंचाई जा सके। उत्तरकाशी की आपदा में सेना और राहत दल दिन-रात डटे हुए हैं। मलबे में दबी ज़िंदगियों को बचाने के लिए सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ जैसे दल पूरी ताकत से मैदान में हैं। हर पल की निगरानी आपदा कंट्रोल रूम से की जा रही है।
आईटीबीपी और आर्मी के जवान धराली में बीच गांव में फंसे ग्रामीणों तक पहुंचने के लिए वहां करीब 25 फीट ऊंचे मलबे में रास्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अस्थाई पुलिया बनाने का प्रयास किया जा रहा है। गांव में करीब 200 लोग भी फंसे है। हर्षिल में राहत कार्यों को तेज़ करने के लिए और भी सेना की टीमें, खोजी कुत्ते, ड्रोन, और खुदाई करने वाली मशीनें भेजी गई हैं। इस दौरान धराली में एक 32 वर्षीय युवक का शव मलबे से बरामद हुआ है। आर्मी, आईटीबीपी के जवान में रेस्क्यू में जुटे हैं। लेकिन गंगोत्री हाईवे रेस्क्यू में बाधा बना हुआ है। एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसिन शाहेदी ने बताया, जानकारी के अनुसार, चार लोगों की मौत हो गई है और 50 से ज़्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। हर्षिल और सुखी टॉप में दो जगहों पर अचानक बाढ़ आने की भी खबर है।
हर्षिल में सेना के लगभग 11 जवान लापता बताए जा रहे हैं। सुखी टॉप में कोई हताहत नहीं हुआ है। ऋषिकेश-उत्तरकाशी हाईवे प्रभावित है, इसलिए आवाजाही बहुत धीमी है। कई जगहों पर सड़क जाम होने के कारण टीमों को मौके पर पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रभावित लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए हमारी टीमें देहरादून में तैयार हैं।
मार्ग खोलने के प्रयास जारी
मुख्यमंत्री धामी ने जिला आपदा केंद्र उत्तरकाशी से राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के आदेश दिये। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राहत और बचाव कार्यों की विस्तार से चर्चा की। प्रभारी मुख्य सचिव आरके सुधांसु ने बताया मार्ग बंद होने के कारण बचाव दल अलग-अलग कई स्थानों पर फंसे हैं। मार्ग खोलने के लिए बीआरओ और लोक निर्माण विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। हालांकि मौसम खराब होने के कारण हवाई रेस्क्यू में बाधा पैदा हो रही है।
भारतीय सेना की सात टीमें मोर्चे पर
भारतीय सेना ने जारी बयान में कहा कि कई सड़कों के टूटने और एक पुल के ढह जाने के कारण धराली दोनों तरफ से कटा हुआ है। 225 से ज्यादा सैन्यकर्मी, जिनमें पैदल सेना और इंजीनियरिंग टीम शामिल है, खोज बचाव और राहत कार्य कर रही है। हर्षिल में खोज एवं बचाव के लिए खोजी कुत्ते भी तैनात किये गये हैं।