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पौड़ी में भी बारिश ने मचाई तबाही, मलबे में दबने से दो महिलाओं की मौत, पांच लापता

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पौड़ी, 6 अगस्त। उत्तरकाशी के धराली में मंगलवार को हुई तबाही के बाद बुधवार को कुदरत का रौद्र रुप पौड़ी जिले में देखने को मिला। पौड़ी तहसील के बुरांसी गांव में आए भूस्खलन की चपेट में जहां दो महिलाएं मलबे में दबे होने की सूचना है, तो वहीं थलीसैंण के बांकुड़ा गांव पांच मजदूरों के बहने की खबर सामने आई है, जबकि तीन अन्य लोगों ने भागकर जान बचाई, हालांकि उन्हें भी हल्की चोटें आई हैं।

जिलाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर लिया जायजा


पौड़ी गढ़वाल जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि जिले में कल रात से ही बहुत भारी बारिश हो रही है, जिस वजह से सड़कों पर कई जगह लैंडस्लाइड हुआ है, जिससे कई मार्ग बंद है. इसके अलावा भारी बारिश के कारण कई गांवों को भी नुकसान पहुंचा है. एक गांव में तो कई घर भी क्षतिग्रस्त हुए है. जिलाधिकारी अपनी टीम के साथ वहां खुद मौके पर गई थी. ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है. इसके अलावा ग्रामीणों को जो भी राहत सामग्री की जरूरत है, वो भी उन्हें दी जा रही है.

इसके अलावा बुरांसी गांव में दो महिलाओं के मलबे में दब होने की सूचना मिली है, जिसमें एक महिला का शव तो बरामद हो गया है, जबकि दूसरी महिला की खोजबीन जारी है. इलाके में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इसके साथ ही थलीसैंण तहसील के बांकुड़ा गांव में भी नेपाली मूल के पांच मजदूरों के बहने की सूचना है. पांचों की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है. वहीं इस आपदा में मजदूर घायल भी हुए है, जिनका रेस्क्यू कर लिया गया है. पौड़ी गढ़वाल जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के मुताबिक पाबौ इलाके में कलगाड़ी के पास नेशनल हाईवे पर टूटे पुल के लिए बैली ब्रिज मंगवाया जा रहा है. बुरासी गांव में बुधवार सुबह बिमला देवी (पत्नी स्व. बलवंत सिंह भंडारी) और आशा देवी (पत्नी स्व. प्रेम सिंह नेगी) मलबे में दब गईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं अमर सिंह के आवासीय भवन और गौशाला भी मलबे में दब गई। हादसे में कई मवेशी मर गए। जिससे ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ है।

वहीं, बैंजवाड़ी के पास केंद्रीय विद्यालय जाने वाले मार्ग पर देर रात भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड हो गया, जिससे सड़क का एक हिस्सा टूटकर ढह गया. इस मार्ग के किनारे स्थित एक मकान पर भूस्खलन का सीधा खतरा मंडरा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि रात के समय ही घर में रह रहे परिवार को सुरक्षित रूप से पास के घरों में शिफ्ट कर दिया गया. यह सड़क केंद्रीय विद्यालय तक जाती है और यहां से रोजाना स्कूली बच्चे आवाजाही करते हैं. ऐसे में ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस मार्ग की सुरक्षा के लिए तुरंत कड़े कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में कोई अप्रिय घटना न घटे.

बता दें कि उत्तराखंड के कई इलाकों में रविवार रात से ही जोरदार बारिश हो रही है. बारिश के कारण पहाड़ से लेकर मैदान तक जन-जीवन अस्त हो रखा है. गंगा का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है. हरिद्वार में गंगा वार्निंग लेवल को भी पार कर चुकी है. वहीं मंगलवार को उत्तरकाशी जिले के धराली में भी पहाड़ी से पानी के सैलाब के साथ भारी मलबा आया था, जिसे पूरा धराली गांव तबाह हो गया था. लोगों को भागने का मौका भी नहीं मिला था. उत्तरकाशी धराली आपदा में अभी तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. वहीं 15 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे है. धराली में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन मौसम खराब होने के कारण जगह-जगह रास्ते बंद है. इस वजह से रेस्क्यू टीम को धराली पहुंचने में समय लग रहा है.

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