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मलबे में दबे सपने और उम्मीदों के सहारे जिंदा पौड़ी गढ़वाल का सैजी गांव

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पौड़ी, 8 अगस्त। आपदा प्रभावित सैजी गांव में आपदा के घाव इतने गहरे हैं कि गांव के लोग तीन दिन बाद भी सामान्य जीवन की ओर लौटने का साहस नहीं जुटा पा रहे। तेज बारिश और पहाड़ से गिरे मलबे ने जिंदगी की रफ्तार थाम दी है। चारों तरफ बिखरा मलबा, टूटे घरों के ढेर में दबा घरेलू सामान और निस्तेज चेहरों पर पसरा भय का नजारा दिलों को भीतर तक झकझोर रहा है। सरकार ने प्रभावित परिवारों को अस्थायी राहत देने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैजी में रहने की व्यवस्था तो की है, लेकिन अधिकांश ग्रामीण वहां जाने के बजाय रिश्तेदारों या परिचितों के घरों में ही रहना मुनासिब समझ रहे हैं।

शुक्रवार को बिजली आपूर्ति बहाल हो जाने से गांव में अंधेरा तो टूटा, लेकिन पेयजल का संकट अब भी बरकार है। गांव के नल सूने पड़े हैं और लोग कई किलोमीटर दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं। इस बीच गांव के लोग अपने दुख को ताक पर रखकर सामूहिक श्रमदान में जुटे हैं। कोई फावड़ा चला रहा है तो कोई टोकरी में गाद भर रहा है, तो कोई टूटी दीवारों के पत्थर एक तरफ जमा कर रहा है। उनकी कोशिश है कि जिनके घरों में मलबा घुस आया है। वहां से कम से कम रास्ता और आंगन साफ हो सके, ताकि फिर से नया जीवन शुरू किया जा सके। सामाजिक कार्यकर्ता धीरेंद्र सिंह साहू की आवाज में आक्रोश और बेबसी साफ झलकती है। वह कहते हैं सरकार ने राहत के नाम पर जो धन दिया है, वह तो ऊंट के मुंह में जीरे जैसा है। जिन लोगों के वर्षों पुराने घर मलबे में समा गए, उनकी दीवारों पर पीढ़ियों की यादें थीं। इतना मामूली मुआवजा उन टूटे सपनों को फिर से खड़ा नहीं कर सकता।

गांव की गलियों में अब भी गहरी खामोशी पसरी है। बच्चों की किलकारियों की जगह फावड़ों की खुरप-खुरप सुनाई देती है। कहीं कोई अपना टूटा चारपाई का पायता खोज रहा है, तो कहीं कोई भीगे हुए फोटो फ्रेम को धूप में सुखा रहा है। सैजी में हर घर के आंगन में एक कहानी बिखरी है। नुकसान की, बेघर होने की, और उस उम्मीद की, जो मलबे के नीचे दबकर भी सांस ले रही है और इंतजार कर रही है, कि शायद एक दिन फिर से यह गांव अपनी पुरानी रौनक पा सके।

बलूनी ने आपदा प्रभावित गांवों को दी सांसद निधि
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने पाबौ व थलीसैंण में आपदा प्रभावित गांवों को सहायता राशि जारी की है। सांसद ने विकासखंड पाबौ को 20 व थलीसैंण को 15 लाख की धनराशि मुहैया करवाई है। भाजपा के जिलाध्यक्ष कमल किशोर रावत ने बताया कि सांसद अनिल बलूनी ने पाबौ के बुरांसी गांव में आपदा के दौरान दो महिलाओं की जान गंवाने पर शोक व्यक्त किया। बताया कि उन्होंने पाबौ के सैंजी गांव को 10 लाख जबकि बुरांसी व फलद्वाड़ी को 5-5 लाख साथ ही विकासखंड थलीसैंण के कांडई, जंदरिया व जोगड़ी गांवों को 5-5 लाख की सांसद निधि जारी की है। कहा कि आपदा प्रभावितों के साथ प्रदेश व केंद्र सरकार कर कदम पर खड़ी है।

आपदा प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर किया जाए विस्थापित : गोदियाल
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने विकासखंड पाबौ के आपदा प्रभावित गांवों का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की और सरकार से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करने की मांग की। गोदियाल ने कहा कि हालिया बारिश से सैंजी और बुरांसी गांवों में भारी नुकसान हुआ है। बुरांसी में दो महिलाओं की मौत हुई, कई मवेशी मारे गए और कई आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने बताया कि बीते वीरवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मंत्री धन सिंह रावत ने भी इन गांवों का दौरा किया था, जहां सीएम ने मृतकों के परिजनों को 1.20 लाख की सहायता राशि दी। जो नाकाफी है। पूर्व विधायक ने कहा कि सैंजी गांव हर साल आपदा की चपेट में आता है, जिससे ग्रामीणों को लगातार जान-माल का नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि ग्रामीणों की सहमति से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर बसाया जाए और केदारनाथ आपदा के मानकों के अनुसार सैंजी और बुरांसी के प्रभावित परिवारों को सहायता उपलब्ध कराई जाए।

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