
सतपुली, 9 अगस्त। नेशनल हाईवे 534 पर चल रहा चौड़ीकरण का काम बारिश के कारण दोपहिया वाहन चालकों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। गुमखाल से सतपुली के बीच कई जगह गड्ढों में पानी भरने और कीचड़ फैलने से दोपहिया वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका बनी है।
कई दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश राहगीरों के लिए आफ बन गई है। गुमखाल-सतपुली के बीच मार्ग पर कई जगह एक फीट गहरे गड्ढों में कीचड़युक्त पानी भरा है। जगह-जगह मिट्टी से फिसलन बन गई है। राहगीरों को जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़ रही है। बूंदाबांदी से सड़क पर फैली मिट्टी कीचड़ में बदल जाती है। कीचड़नुमा पानी से गड्ढे की गहराई का अनुमान नहीं हो पा रहा है। गड्ढों में वाहन फंस रहे हैं और चालक गिरकर चोटिल हो रहे हैं।
पिछले तीन-चार दिनों में पहाड़ों में झमाझम बारिश के बाद सतपुली से गुमखाल के बीच अनेक स्थानों पर प्राकृतिक पेयजल स्रोत टूटे हुए हैं। उनका पानी बहकर सड़कों पर फैल रहा है। जिससे दोपहिया वाहन चालकों के लिए स्थिति और भयावह हो गई है। राहगीरों का कहना है कि मार्ग पर फिलहाल कोई डेंजर जोन नजर नहीं है, लेकिन कीचड़ और पानी के कारण ज्यादा समस्या हो रही है। राहगीरों ने एनएच खंड से इस ओर ध्यान देने और राहगीरों की मुसीबत कम करने की गुहार लगाई है।
संतूधार-मासौं-पाबौ मोटर मार्ग का 25 मीटर हिस्सा लील गई अतिवृष्टि
संपूर्ण राठ क्षेत्र लोक निर्माण विभाग पाबौ के अंतर्गत संतूधार-मासौं-पाबौ मार्ग के जरिये कोटद्वार-दिल्ली से जुड़ता है। इस मार्ग का 25 मीटर भाग इठुड़ बाजार के निकट जमींदोज हो गया है। जिससे राठ क्षेत्र के लगभग 100 से अधिक गांवों का संपर्क कट गया है। 25 मीटर सड़क पूरी तरह कटने के साथ ही पिनगढ़ गदेरे व कीम गदेरे के पास मलबा आने से मार्ग अवरुद्ध है। मासौं के समीप गडरिया गदेरे में कलमट का पुश्ता कभी भी ढह सकता है। किसी वाहन के इसके ऊपर से गुजरने के दौरान पुश्ता ढहने पर बड़ा हादसा हो सकता है।