
देहरादून, 11 अगस्त। उत्तराखंड में मंगलवार को भी कई जगह मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। जबकि देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत और बागेश्वर जिले के कुछ क्षेत्रों में भारी से भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा अन्य जिलों में भी तेज दौर की बारिश के साथ बिजली और तेज गर्जन होने की संभावना है। आने वाले दिनों की बात करें तो 17 अगस्त तक प्रदेश भर में तेज दौर की बारिश होने के आसार हैं। वहीं, उत्तरकाशी में स्कूल बंद रखे गए हैं। सुरक्षा को देखते हुए केदारनाथ धाम की यात्रा अगले तीन दिनों के लिए स्थगित कर दी गई है।
प्रदेश में चार राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 171 सड़कें बंद
प्रदेश में बारिश के बाद मलबा आने से चार राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 171 सड़कें बंद हैं। इनमें अल्मोड़ा और बागेश्वर की 11-11, चमोली की 21, देहरादून की 14, हरिद्वार की एक, नैनीताल की सात, पौड़ी की 22, पिथौरागढ़ की 18, रुद्रप्रयाग की 24, टिहरी की 22 और उत्तरकाशी जिले की 20 सड़कें शामिल हैं।
सौंग, सरयू नदी का जल स्तर बढ़ रहा
सिंचाई विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार दोपहर तीन बजे पिथौरागढ़ चमागढ़ में सरयू और सत्यनारायण में सौंग नदी का जल स्तर बढ़ रहा है। जबकि जोशीमठ में अलकनंदा, जौलजीबी गौरी नदी, मदकोट गौरी नदी और माया कुंड ऋषिकेश में गंगा नदी का जल स्तर कम हो रहा है। इन जगहों पर नदियों का जल स्तर खतरे के जल स्तर के पास पहुंचा हुआ था। चौखुटिया में रामगंगा, कपकोट सरयू, बागेश्वर सरयू, बागेश्वर सरयू और नौ गांव में यमुना नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है।
बाढ़ के खतरे का पूर्वानुमान, सावधानी बरतने का भेजा पत्र
मौसम विज्ञान विभाग के हाईड्रोमेट डिवीजन ने सोमवार से आगामी 24 घंटे में राज्य के बागेश्वर, चंपावत, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, टिहरी गढ़वाल, ऊधम सिंह नगर कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने और उससे बाढ़ के खतरे को लेकर पूर्वानुमान जारी किया है। इसके बाद राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने संबंधित जिलों के डीएम को पत्र भेजते हुए सावधानी बरतने को कहा है। वहीं, केंद्रीय जल आयोग ने नदियों के जलस्तर की सूचना जारी की। इसमें सुबह आठ बजे हरिद्वार में गंगा का जल स्तर 292 मीटर(खतरे का जल स्तर 294 मीटर) था, जो स्थिर बना हुआ था।
ऋषिकेश में गंगा का जल स्तर 340.50 मीटर (खतरे का जल स्तर 394.50 मीटर) था, जो बढ़ रहा था। गंगनानी उत्तरकाशी में भागीरथी नदी का जल स्तर 1841.20 मीटर था (यहां पर खतरे का जल स्तर 1844 मीटर है), यहां भी नदी का जल स्तर बढ़ रहा है। हर्षिल में 2492 मीटर पर पहुंच गया, यहां पर जल स्तर बढ़ रहा है। उत्तरकाशी में भागीरथी नदी का जल स्तर 1120.38 मीटर था( यहां पर खतरे का जल स्तर 1123 मीटर है)। यहां पर नदी का जल स्तर घट रहा है। टिहरी डैम का जल स्तर 810. 48 मीटर पर पहुंच गया। यहां पर उच्चतम जल स्तर 830 मीटर है।
24 घंटे जेसीबी व पोकलेन मशीनें तैनात
जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी संबंधित विभागों को सतर्क और अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। संभावित आपदा के मद्देनजर वार्निंग सिस्टम का परीक्षण किया गया है और नदी किनारे बसे लोगों से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट होने की अपील की गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ धाम की यात्रा को अगले तीन दिनों के लिए अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। साथ ही सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के डेंजर जोनों में 24 घंटे के लिए जेसीबी और पोकलैंड मशीनें तैनात की गई हैं, ताकि आपात स्थिति में तुरंत रास्ता खोला जा सके।