
पिथौरागढ़, 20 अगस्त। जिला मुख्यालय का निकटवर्ती , नैनी सैनी हवाई पट्टी के निकट स्थित खूनी गांव देवीग्राम हो चुका है। इसे लेकर गांव में खुशी का माहौल है। दरअसल खूनी नाम होने से गांववालों को नाम लेने में भी हिचकिचाहट होती थी। नाम बदलने से सबसे अधिक खुशी यह है कि अब गांव के लोग अपने गांव का नाम गर्व से बता सकेंगे ।
अभी तक ग्रामीण अपना नाम तो बता देते थे परंतु गांव नाम सुनते ही सामने वाला गांव के नाम से हिंसा का आभास होने को लेकर नाम के अनुरूप गांव के इतिहास को सुनने के लिए उत्सुक रहता था। सच कहें तो गांव के खूनी नाम होने का इतिहास न तो गांव के पूर्वजों और नहीं वर्तमान के लोगों को हैं।
न इस गांव का खूनी नाम होने का स्थानीय किंवदंतियों में जिक्र है और नहीं स्थानीय इतिहास में कोई वर्णन। गांव के लोग बताते हैं कि पहले की पीढ़ियां भी गांव के खूनी नाम होने की जिज्ञासा में रही और वर्तमान पीढ़ी भी इसी रहस्य को जानने को इच्छुक है।
कुछ ग्रामीण मानते हैं कि बिट्रिश काल में यहां पर हुकूमत के विरोध में उतरे लोगों के साथ खूनी संघर्ष हुआ था और गांव का नाम कुछ ऐसा था कि अंग्रेज हुक्मरान गांव के नाम का सही उच्चारण नहीं कर सके और खूनी नाम रख दिया। हालांकि इस बात के भी कोई प्रमाण नही हैं। देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/
एक दशक पूर्व भी नाम बदलने की उठी थी मांग
एक दशक पूर्व भी गांव का नाम बदलने की मांग हुई थी । गांव निवासी शिक्षक एंव ज्योतिषाचार्य स्व. गिरीश चंद्र जोशी, स्वं केशव दत्त जोशी ने इसके लिए काफी प्रयास किया। शासन की तरफ से पत्र भी आया और गांव का देवीग्राम रखने को कहा गया। परंतु शासनादेश जारी नहीं हो सका । इधर अब ओएनजीसी के पूर्व डायरेक्टर ललित मोहन जोशी के प्रयास से गांव का नाम देवीगांव हो चुका है।
सभी ग्रामवासियों की तरफ से सरकार का आभार जताती हूं। लंबे संघर्ष के बाद जीत मिली है। मां मल्लिकेश्वरी भगवती की भूमि में स्थित हमारे गांव का नाम देवीग्राम पड़नागर्व की बात हैं। – इंद्रा जोशी , ग्राम प्रधान