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30 जून से शुरू हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा संपन्न, 237 भक्तों ने किये भोलेनाथ के दर्शन

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पिथौरागढ़, 24 अगस्त। विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा कैलाश मानसरोवर की यात्रा का इस वर्ष समापन हो गया है. इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा दिल्ली से 30 जून को शुरू हुई थी. जिसमें 50-50 व्यक्तियों के कुल पांच दल थे. यात्रा में 237 श्रद्धालु शामिल हुए. कैलाश मानसरोवर यात्रा करने वाले प्रथम दल ने 10 जुलाई को लिपुलेख दर्रे से होते हुए चीन में प्रवेश किया. अंतिम पांचवा यात्रा दल 22 अगस्त को चीन से भारत के लिए प्रस्थान करके पर्यटक आवास गृह चौकोड़ी पहुंचा. जहां कुमाऊंनी रीति रिवाज में श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत किया गया. यह दल रात्रि विश्राम कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) चौकोड़ी में करेगा. जनपद पिथौरागढ़ में इस दल का आखिरी चरण चौकोड़ी है. उसके बाद यह दल अल्मोड़ा से होते हुए दिल्ली रवाना होगा.

30 जून से लिपुलेख दर्रे से शुरू हुई थी कैलाश मानसरोवर यात्रा
2020 में कोविड-19 महामारी के कारण यात्रा स्थगित कर दी गई थी. उसके बाद से यह संचालित नहीं हो पाई. प्रधानमंत्री मोदी एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी द्वारा यात्रा शुरू करने के प्रयास किये गये. जिसके बाद 30 जून से यात्रा शुरू हुई थी. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में 17 हजार फुट की उंचाई पर स्थित लिपुलेख दर्रे से ये यात्रा शुरू हुई. उत्तराखंड सरकार एवं भारतीय विदेश मंत्रालय के तत्वाधान में आयोजित होने वाली इस यात्रा को लेकर कई दौर की बैठक भी हुई यात्रा का संचालन का जिम्मा कुमाऊं मंडल विकास निगम को सौंपा गया.

प्रत्येक दल द्वारा कुल 22 दिन की यात्रा की गयी
इस यात्रा के प्रत्येक दल ने दिल्ली से प्रस्थान कर उत्तराखंड के चंपावत जिले के टनकपुर में एक रात, पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में एक रात, गुंजी में दो रात तथा नाभीढांग में दो रात रुकने के बाद चीन के तकलाकोट में प्रवेश किया. कैलाश दर्शन के उपरांत वापसी में चीन से प्रस्थान कर पिथौरागढ़ जिले के गुंजी में एक रात, चौकोड़ी में एक रात, अल्मोड़ा में एक रात रुकने के बाद दिल्ली पहुंचा. इस प्रकार, प्रत्येक दल द्वारा कुल 22 दिन की यात्रा की. कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले सभी यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण पहले दिल्ली में और उसके बाद गुंजी में किया गया. चीन के नियंत्रण वाले तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील का काफी धार्मिक महत्व है. हिंदुओं की मान्यता है कि कैलाश पर्वत भगवान शिव का वास स्थल है. उसकी परिक्रमा करने तथा मानसरोवर झील में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/

कैलाश मानसरोवर यात्रा दलवार विवरण
प्रथम दल : 32 पुरुष, 13 महिलाए, कुल 45 यात्री, द्वितीय दल : 34 पुरुष, 14 महिलाएx, कुल 48 यात्री, तृतीय दल : 34 पुरुष, 12 महिलाएx, कुल 46 यात्री, चतुर्थ दल : 34 पुरुष, 14 महिलाएं, कुल 48 यात्री, पंचम दल : 37 पुरुष, 13 महिलाएं, कुल 50 यात्री, इस प्रकार पांचों दलों में सम्मिलित कुल यात्रियों की संख्या 237 रही.

जिला प्रशासन, KMVN, ITBP, BRO का उल्लेखनीय योगदान
यात्रियों की सुरक्षित और सफल यात्रा सुनिश्चित करने में जिला प्रशासन, केएमवीएन, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) एवं सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) का उल्लेखनीय योगदान रहा है. इनके सहयोग और सतत प्रयासों से कैलाश मानसरोवर यात्रा अब तक निर्विघ्न और सुव्यवस्थित रूप से संपन्न हो रही है. कुमाऊं मंडल विकास निगम एमडी विनीत तोमर ने यात्रा की सफलता पर सभी सहयोगी संस्थाओं और अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इस वर्ष का समन्वय एवं संचालन सर्वोत्तम रहा. जिसके कारण संपूर्ण यात्रा बिना किसी बड़े व्यवधान के सफलतापूर्वक संपन्न हो सकी.

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