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तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में तीर्थयात्रियों का आंकड़ा एक लाख के पार, जिनमें 11 विदेशी

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रुद्रप्रयाग, 24 अगस्त। हिमालय में सबसे ऊंचाई व चन्द्रशिला की तलहटी में विराजमान तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों का आकंडा एक लाख पार पहुंच गया है. तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बन्द होने तक तीर्थ यात्रियों का आंकड़ा नया कीर्तिमान स्थापित कर सकता है. विगत दिनों उत्तरकाशी के धराली मे आयी दैवीय आपदा के कारण तुंगनाथधाम पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है, मगर इन दिनों तुंगनाथ घाटी का मौसम खुशनुमा होने के कारण तुंगनाथधाम की यात्रा पुनः परवान चढ़ने लगी है.

यात्रा पड़ावों पर लौटनी लगी है रौनक
तुंगनाथधाम में तीसरे चरण की यात्रा परवान चढ़ने से धाम सहित तुंगनाथ घाटी के यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है. प्रतिदिन सैकड़ों तीर्थ यात्री चंद्रशिला के शिखर पर पहुंचकर वहां की खूबसूरती से भी रुबरु हो रहे हैं. मन्दिर समिति से मिली जानकारी के अनुसार तुंगनाथधाम में अभी तक एक लाख दो हजार 330 तीर्थ यात्रियों ने पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना की है.इस वर्ष तुंगनाथ धाम में भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही होने से तुंगनाथ घाटी के तीर्थाटन व पर्यटन व्यवसाय में भारी इजाफा होने के साथ मन्दिर समिति की आय में भी वृद्धि हुई है.इस वर्ष विगत 2 मई को भगवान तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गये थे. कपाट खुलने के बाद ही प्रतिदिन हजारों तीर्थ यात्री तुंगनाथ धाम पहुंचने लगे थे.

तुंगनाथ घाटी में खुशनुमा मौसम के कारण परवान चढ़ रही यात्रा
तुंगनाथधाम के प्रबन्धक बलवीर नेगी ने बताया अभी तक तुंगनाथ धाम में 50 हजार 185 पुरूषों, 42 हजार 183 महिलाओं, 9 हजार 677 नौनिहालों, 274 साधु-सन्यासी, 11 विदेशी सैलानियों सहित 1 लाख दो हजार 330 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किये है. उन्होंने बताया उत्तरकाशी धराली आपदा आने तथा केदारनाथ की यात्रा बार-बार बाधित होने के कारण तुंगनाथ धाम की यात्रा भी खासी प्रभावित हुई है. बलवीर नेगी ने बताया कि तुंगनाथ घाटी में धीरे-धीरे मौसम खुशनुमा होता जा रहा है, इसलिए अगस्त माह के अन्तिम सप्ताह से तुंगनाथ धाम की यात्रा और अधिक परवान चढ़ने लगी है.

मन्दिर समिति के चन्द्रमोहन बजवाल ने बताया कि चोपता से सीधे चन्द्रशिला शिखर जाने वाले पर्यटकों व सैलानियों को मन्दिर समिति के रिकार्ड में दर्ज नहीं किया है, क्योंकि अधिकांश सैलानी प्रकृति के आनन्द लेने के लिए चोपता से सीधे चन्द्रशिला शिखर पहुंचते हैं. उन्होंने बताया तुंगनाथ धाम में तीसरे चरण की यात्रा परवान चढ़ने से तुंगनाथ धाम सहित तुंगनाथ घाटी के यात्रा पडांवो पर रौनक बनी हुई है. देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/

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