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केदारनाथ की चोटियों पर हुई सीजन की पहली बर्फबारी, 5 सितम्बर तक रजिस्ट्रेशन बंद

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रुद्रप्रयाग, 3 सितम्बर। उत्तराखंड में बारिश का दौर अभी थमा भी नहीं, उधर बर्फबारी की शुरुआत हो गई है. केदारनाथ धाम की चोटियों पर सीजन की पहली बर्फबारी हुई. वहीं बारिश के कारण चारधाम की यात्रा बंद पड़ी हुई है, जिससे धाम में सन्नाटा पसरा हुआ है. यात्रियों को सोनप्रयाग से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है.

वहीं केदारनाथ हाईवे तीसरे दिन भी बांसवाड़ा में बंद है. केदारनाथ धाम की यात्रा पर मानसून सीजन का बुरा असर पडा है. जुलाई-अगस्त के महीनों में यात्रा पूरी तरह से चरमरा गयी थी. अभी सितंबर के शुरुआत में भी इसी तरह के हालात बने हुए है. वहीं केदारनाथ धाम की चोटियों पर बर्फ गिर रही है. धाम में बारिश का सिलसिला जारी है. बारिश व बर्फबारी से धाम में ठंड भी अधिक बढ़ गयी है. बिना भक्तों के बाबा केदार का परिसर सुनसान पड़ा हुआ है. इस मानसून में स्थानीय लोगों का कारोबार भी पूरी तरह से ठप हो गया है.

लगातार हो रही बारिश से हालात कठिन बने
पहाड़ों में बारिश से हालात कठिन बने हुए हैं. पैदल रास्ते और मोटरमार्ग जगह-जगह ध्वस्त हैं. ग्रामीण जनता के सामने कई प्रकार की चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. केदारनाथ यात्रा की लाइफ लाइन सोनप्रयाग-गौरीकुण्ड राजमार्ग के मुन कटिया में बंद पडा हुआ है. हालांकि खोलने के प्रयास जारी हैं. इस बीच दो बेज़ुबान रास्ता बंद होने से खायी में उतर गये और नीचे से उफान में आयी मन्दाकिनी नदी के कारण दो दिनों तक बारिश में यहीं भीगते रहे.

बांसवाड़ा में तीन दिन बाद खुला हाईवे
वहीं दूसरी ओर एक राहत भरी खबर ये है कि बांसवाड़ा में तीन दिनों से बंद केदारघाटी की लाइफ लाइन केदारनाथ हाईवे आवाजाही के लिए खुल गया है. यहां पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो गयी है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने बताया कि लगातार हो रही बारिश के कारण केदारनाथ हाईवे बांसवाड़ा में बार-बार बाधित हो रहा है, जिससे यहां पर एनएच विभाग की मशीने हर समय तैनात की गयी हैं. इसके साथ ही सोनप्रयाग-गौरीकुण्ड राजमार्ग भी मुनकटिया में पहाड़ी से मलबा आने के कारण बंद पड़ा है. इसे भी खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं.

5 सितम्बर तक चारधाम रजिस्ट्रेशन बंद
हर साल मानसून सीजन के दौरान 15 जून से 15 सितंबर तक चार धाम यात्रा की रफ्तार काफी धीमी रहती है. बावजूद इसके बीते सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो करीब 10 हज़ार श्रद्धालु रोजाना मानसून सीजन के दौरान भी दर्शन करते रहे हैं, मगर साल 2025 में मानसून सीजन के दौरान चार धाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा काफी अधिक सीमित हो गया. खासकर अगस्त महीने के पहले हफ्ते में उत्तरकाशी में आई आपदा और फिर इसके बाद लगातार कई क्षेत्रों में आपदा आने के बाद यात्रियों की संख्या काफी अधिक घट गई. साथ ही भारी बारिश के चलते चार धाम को जाने वाली सड़कों को भी काफी नुकसान हुआ है.

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