
नई दिल्ली, 7 सितम्बर। ब्रिटेन के डोनकास्टर लोकल मेडिकल कमेटी के सीईओ डॉ, डीन इग्जिट ने मरीजों को यह चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि पेरासीटामोल, जिसे कुछ देशों में एसिटामिनोफेन भी कहा जाता है तथा आईबुप्रोफिन गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। इनकी गलत खुराक लेने पर गंभीर नुकसान हो सकता है। लोग इस खतरे को नहीं समझते। लोग इसे सिरदर्द से लेकर बुखार तक में लेते हैं। अगर आप इसका इस्तेमाल एक सप्ताह से ज्यादा करते हैं तो यह आपके लीवर और किडनी को स्थाई नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसा ही खतरा आईबुप्रोफिन के साथ है। सिरदर्द से लेकर बुखार तक में रोज लाखों लोग इन दो दवाओं को ले रहे हैं।
पेट में अल्सर का खतरा बढ़ने के आसार
डॉ. डीन के अनुसार नॉन स्टीरॉयड एंटी इनफ्लेमेटरी दवा आईबुप्रोफिन पेट के अंदर की लाइनिंग को नुकसान पहुंचाती है, इससे पेट में अल्सर का खतरा बढ़ता है। इससे पेट का संक्रमण पेरिटोनिटिस होता है। यह संक्रमण किडनी और लिवर को भी क्षति पहुंचाता है।
डॉ. डीन के अनुसार इन दोनों पेनकिलर के इस्तेमाल का दूसरा बड़ा नुकसान यह है कि ये वास्तविक रोग को छुपा लेते हैं, जिससे उसे पहचानने में देर हो जाती है। लोग समझते हैं कि पेरासीटामोल का कोई नुकसान नहीं है। जब शरीर में जाकर पेरासीटामोल टूटती है तो यह कुछ सहउत्पाद पैदा करती है, जिन्हें एनएपीक्यूआई (एन-एसिटाइल-पी-बेंजोक्विनोन इमाइन) कहा जाता है। कम मात्रा में यह वेस्टेज शरीर से निकल जाता है मगर हाई डोज लेने पर लिवर पर बोझ पड़ता है और स्थाई लीवर फेलुअर हो सकता है।
पेट की बीमारियां 40 फीसद बढ़ीं
डॉक्टर के अनुसार पेरासीटामोल के मनमर्जी से इस्तेमाल से लिवर की बीमारियां पिछले दो दशक में 40 फीसद की गति से बढ़ी हैं। पीलिया होना लिवर को क्षति पहुंचने का संकेत है। देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/