
उत्तरकाशी, 10 सितम्बर। उत्तराखंड में मानसून की बौछार ने जमकर तबाही मचाई. खासकर उत्तरकाशी जिले में तो भारी नुकसान हुआ है. इससे यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की यात्रा भी बुरी तरह से प्रभावित रही. लिहाजा, दूसरे चरण की चारधाम यात्रा को दोबारा सुचारू कराने की तैयारी की जा रही है. गंगोत्री धाम की यात्रा 9 सितंबर से शुरू हो चुकी है. अब यमुनोत्री धाम की यात्रा को 13 सितंबर से शुरू करने की कवायद की जा रही है.
13 सितंबर से शुरू होगी यमुनोत्री धाम की यात्रा
उत्तरकाशी जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि धराली आपदा के बाद गंगोत्री धाम की यात्रा बीते दिन से शुरू हो चुकी है, लेकिन यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर बाधित है. ऐसे में हाईवे सुचारू करने के साथ ही यमुनोत्री धाम की यात्रा 13 सितंबर से शुरू कराने का निर्णय लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि मौसम और सड़क मार्ग की स्थिति को देखते हुए यात्रियों को सीमित संख्या में गंगोत्री धाम भेजा जा रहा है. वर्तमान में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू, नालूपानी, हेलगुगाड़, डबरानी संवेदनशील स्थान हैं, जहां रुक-रुक के भूस्खलन हो रहा है. सुरक्षा के मद्देनजर और सड़क मार्ग को सुचारू करने के लिए पर्याप्त मशीनरी एवं टीमें तैनात की गई है.
अभी यमुनोत्री हाईवे कई जगहों पर है क्षतिग्रस्त
वहीं, यमुनोत्री धाम की यात्रा अगले हफ्ते तक दोबारे शुरू कराने का प्रयास किया जाएगा. डीएम आर्य ने बताया कि यमुनोत्री नेशनल हाईवे जंगलचट्टी, बनास, फूलचट्टी के पास क्षतिग्रस्त है. जंगलचट्टी में करीब 150 मीटर सड़क मार्ग का हिस्सा ध्वस्त हुआ था. जिसे सुरक्षित और समतलीकरण का कार्य प्रगति पर है. इसी तरह बनास में करीब 40 मीटर सड़क का हिस्सा ध्वस्त हुआ है. फूलचट्टी में भी सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त है, जिसे एनएच की ओर से 12 सितंबर तक सुचारू करने का भरसक प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ ही डीएम ने यात्रियों से भी अपील करते हुए कहा कि गंगोत्री धाम की यात्रा के लिए जिला प्रशासन की ओर से जारी एसओपी का पालन करें.
यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में श्रद्धालुओं की संख्या
जिला प्रशासन के आंकड़े के मुताबिक 5 अगस्त 2025 तक यमुनोत्री धाम में 5 लाख 85 हजार 237 श्रद्धालु और गंगोत्री धाम में 6 लाख 68 हजार 365 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
धराली में लगातार चल रहा राहत एवं बचाव कार्य
वहीं, जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने धराली आपदा में राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में लगातार राहत एवं बचाव कार्य चल रहे हैं. वहीं, धराली में हेली सेवा के माध्यम से खाद्यान्न आपूर्ति की जा रही है.