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टीचर की नौकरी के लिए अनिवार्य है B.Ed, कोर्ट ने नॉन-बीएड वालों की भर्ती पर लगाई रोक

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लखनऊ, 14 सितम्बर। टीचर की सरकारी नौकरी चाहिए तो B.Ed अनिवार्य है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में लाइंसेंस टीचर (LT Grade Teacher) भर्ती 2025 मामले में बीएड को अनिवार्य कर दिया है। साथ ही राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर साइंस की एलटी ग्रेड (सहायक शिक्षक) भर्ती ने नॉन-बीएड उम्मीदवारों पर रोक लगा दी है।

क्या है मामला?
दरअसल, यूपीपीएससी द्वारा निकाली गई 7466 एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में कंप्यूटर साइंस विषय के टीचर के लिए बीएड की अनिवार्यता नहीं थी। बिना बीएड वालों को भी कंप्यूटर साइंस टीचर की सरकारी नौकरी का हकदार माना गया था। यूपीपीएससी के इस पॉइंट को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी शिक्षक पद के लिए बीएड का अनिवार्य माना है। कोर्ट ने इसे सिर्फ वरियता योग्यता (Preferential) नहीं, बल्कि अनिवार्य योग्यता (Essential) बताया है।

एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती केस की डिटेल
यूपी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में बीएड अनिवार्य करने की मांग को लेकर प्रवीन मिश्रा व अन्य ने उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामला संख्या WRIT-A No. 11850 of 2025 पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस अरुण कुमार ने की।

याचिकाकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा (छठा संशोधन) नियमावली 2024 और लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा सहायक अध्यापक (कंप्यूटर) भर्ती 2025 विज्ञापन को चुनौती दी। नोटिफिकेशन में कंप्यूटर साइंस टीचर की पोस्ट के लिए बीएड को केवल वरीयता योग्यता बताते आवेदन का मौका दिया गया था। यानी बिना बीएड वाले भी इस पोस्ट के लिए आवेदन कर सकते थे। हालांकि NCTE अधिसूचना 12 नवंबर 2014 में बीएड को अनिवार्य योग्यता माना गया है।

क्यों हटाई गई थी बीएड की अनिवार्यता?
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से कहा कि NCTE द्वारा निर्धारित योग्यता राज्य पर बाध्यकारी है। वहीं राज्य ने भी स्वीकार किया कि एनसटीई अधिसूचना में बीएड अनिवार्य है। राज्य ने तर्क दिया कि 2018 भर्ती के समय योग्य अभ्यर्थियों की कमी से कई पद खाली रह गए थे। इसलिए छात्रों के हित में संशोधन (बिना बीएड वालों को भी मौका) किया गया।

कोर्ट ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साफ कहा कि NCTE अधिसूचना 2014 स्पष्ट रूप से कहती है कि सेकेंडरी/हाईस्कूल टीचर के लिए बीएड अनिवार्य योग्यता है। प्रारंभिक दृष्टि से राज्य सरकार बीएड को वरियता देना कानूनी रूप से अस्थिर है। कोर्ट ने माना कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियमावली 2024 में बीएड की अनिवार्यता से छूट संबंधि 28 मार्च का गजट और उसके आधार पर यूपीपीएससी की ओर से 28 जुलाई को जारी विज्ञापन दोनों ही एनसीटीई के नियमों के विपरीत हैं।

कोर्ट ने कहा कि जब तक यह याचिका का अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक चयन प्रक्रिया जारी रह सकती है। लेकिन नॉन-बीएड किसी भी अभ्यर्थि की नियुक्ति कोर्ट के परमिशन के बिना नहीं की जाएगी। इस मामले में अगली सुनवाई 16 अक्टूबर 2025 को होगी।

बता दें कि यूपीपीएससी ने राजकीय विद्यालय की एलटी ग्रेड शिक्षक पद पर कुल 7466 रिक्तियां निकाली हुई हैं। इनमें कंप्यूटर साइंस के 1,056 पद शामिल हैं। आवेदन की आखिरी तारीख 28 अगस्त 2025 तक थी। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि अधिक जानकारी के लिए यूपीपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाए रखें।

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