
उत्तरकाशी, 16 सितम्बर। मानसून सीजन में करीब ढाई महीने तक कुदरत के कहर के चलते बाधित रही चारधाम में प्रमुख यमुनोत्री धाम के दूसरे चरण की यात्रा शुरू हो गयी है। हालांकि इस यात्रा में यात्रियों को फूलचट्टी से पैदल यात्रा करते हुए करीब पांच किमी की अतिरिक्त दूरी नापनी पड़ रही है।
बावजूद दो दिन में ही धाम की ओर 800 से अधिक यात्री रवाना हुए हैं। बता दें कि बीते 28 जून को सिलाई बैंड में यमुनोत्री हाईवे का तीन स्थानों पर दस-दस मीटर से अधिक हिस्सा ध्वस्त हो गया था। बादल फटने की घटना में दो श्रमिकों की मौत हो गयी थी, जबकि सात लापता हो गये थे। इसके बाद ओजरी में पुल बहने से यमुनोत्री यात्रा प्रभावित रही। हालांकि कुछ दिनों में वहां पर बेली ब्रिज तैयार कर लिया गया था। बाद में, स्यानाचट्टी में कुपड़ा गाड में सैलाब के साथ आये मलबे के कारण यमुना नदी का प्रवाह अवरुद्ध होने से बनी अस्थायी झील के कारण भी यात्रा संभव नहीं हो सकी।
गत 23 अगस्त को जंगलचट्टी, बनास तथा फूलचट्टी व कृष्णाचट्टी के बीच सड़क बहने व भू-धंसाव के बाद यमुनोत्री हाईवे बंद होने से यात्रा पर ब्रेक लगा रहा, जिसके बाद से ही यमुनोत्री हाईवे की बहाली को एनएच व लोनिवि की टीम युद्धस्तर पर जुटी हुई थी। गत सोमवार को ही बनास छोटे वाहनों की आवाजाही बहाल कराने में सफलता मिली। इसके बाद फूलचट्टी तक छोटे वाहनों को जाने की अनुमति दी गई। इसके बाद यात्रियों को धाम के लिए पैदल यात्रा करने की अनुमति दी गयी है, जिसमें यात्री पांच किमी अतिरिक्त दूरी नापकर जानकीचट्टी पहुंच रहे हैं।
इसके बाद यमुनोत्री पैदल मार्ग का पांच किमी का ट्रैक पूरा कर धाम के दर्शन कर पा रहे हैं। बावजूद इसके यात्रियों में धाम की यात्रा को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। यमुनोत्री यात्रा पंजीकरण केंद्र के प्रबंधक दिव्योंम ने बताया कि मंगलवार को चेक पोस्ट से यमुनोत्री धाम की ओर 805 यात्री भेजे गये हैं, यमुनोत्री धाम में नेटवर्क कनेक्टिविटी फेल है, इसलिए ये बता पाना संभव नहीं है कि इनमें से कितने यात्रियों ने धाम के दर्शन किए होंगे।
यमुनोत्री धाम के लिए फूलचट्टी से यात्रियों को पैदल यात्रा की अनुमति दी गयी है। यात्री फूलचट्टी तक छोटे वाहनों से पहुंचकर वहां से पैदल यात्रा कर सकते हैं।
-प्रशांत आर्य, जिलाधिकारी उत्तरकाशी।
खरादी तक ही आ सकते हैं बसों से पुलिस उपाधीक्षक बड़कोट देवेंद्र नेगी ने बताया कि यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आ रहे तीर्थयात्री खरादी तक ही बड़ी बसों से आ सकते हैं। इसके बाद उन्हें फूलचट्टी तक स्थानीय टैक्सी आदि छोटे वाहनों से पहुंचना होगा। फूलचट्टी से जानकीचट्टी तक पांच किमी की दूरी भी पैदल तय करनी होगी। जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम का करीब पांच किमी लंबा ट्रैक शुरू होता है।
अमेरिका से पहुंचा अप्रवासी भारतीय परिवार बड़कोट
अमेरिका से एक अप्रवासी सात सदस्यीय भारतीय परिवार भी यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए पहुंचा हुआ है। यमुनोत्री मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष प्रदीप उनियाल ने अप्रवासी भारतीय परिवार का स्वागत किया। साथ ही मां यमुना से उनकी सफल यात्रा की कामना की। अप्रवासी भारतीय मनीषा पटेल, बिमल टक्कर, नेहल, जितेंद्र पटेल, जौली पटेल व जयेश पटेल ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि मां यमुना ने उन्हें बुलाया है।