बारिश ने किरकिरा किया दशहरा, पूरी तरह नहीं जल पाए रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले

देहरादून, 2 अक्टूबर। दशहरा पर्व पर तमाम जगहों पर रावण का पुतला दहन किया गया. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के ऐतिहासिक परेड ग्राउंड में भी बन्नू बिरादरी दशहरा कमेटी की ओर से रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. लेकिन रावण दहन से करीब डेढ़ घंटे पहले हुई भारी बारिश के कारण दशहरा पर्व का लुत्फ लोग सही ढंग से नहीं उठा पाए. परेड ग्राउंड में शाम 6 बजे रावण का पुतला दहन किया गया. लेकिन उससे पहले करीब शाम 4:30 बजे भारी बारिश के कारण रावण का पुतला गीला हो गया, जिस वजह से रावण का पुतला पूरी तरह से नहीं जल पाया.
दशहरे से तीन दिन पहले ही टंग गया था रावण का पुतला
राजधानी देहरादून में देश की आजादी के बाद से ही बन्नू बिरादरी की ओर से दशहरा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम में इस साल भी बन्नू बिरादरी की ओर से 78वां दशहरा कार्यक्रम परेड ग्राउंड में आयोजित किया गया. परेड ग्राउंड में दशहरा पर्व से 3 दिन पहले ही रावण का पुतला लगा दिया गया था. उस दौरान भी भारी बारिश के कारण पुतला गीला हो गया था. लेकिन दो दिनों तक हुई कड़क धूप के चलते संभावना जताई जा रही थी कि बेहतर ढंग से रावण का पुतला दहन किया जाएगा. लेकिन कार्यक्रम से कुछ घंटे पहले ही भारी बारिश ने लोगों का मजा किरकिरा कर दिया.
इस साल देहरादून के परेड ग्राउंड में 121 फीट ऊंचा रावण का पुतला लगाया गया था. साथ ही मेघनाद और कुंभकरण का पुतला 70 और 75 फीट का लगाया गया. यही नहीं, रावण की सोने की लंका बनाई गई थी. लेकिन बारिश की वजह से ना ही पूरी तरह से रावण की लंका जल पाई, बल्कि कुंभकरण और मेघनाद का पुतला भी आधा अधूरा ही जला. यही नहीं, रावण का पुतला भी जलाने का प्रयास किया गया, उससे पहले पुतले पर डीजल भी डाला गया, ताकि रावण का पुतला आसानी से जल सके. लेकिन बारिश से गीला हो चुका रावण का पुतला पूरी तरह से नहीं जल पाया.
हर साल दशहरा पर्व के दौरान हजारों की संख्या में लोग कार्यक्रम में शामिल होते हैं. इसी क्रम में इस साल भी परेड ग्राउंड में हजारों की भीड़ देखने को मिली. लेकिन लोग इस बात से मायूस दिखाई दिए कि बारिश की वजह से लंका, मेघनाद, कुंभकरण और खुद रावण का पुतला पूरी तरह से नहीं जल पाया. हालांकि, कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी समेत कई विधायक भी शामिल हुए.
दशहरा पर्व हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा: सीएम
कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम धामी ने कहा कि दशहरे का पर्व न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य हिस्सा है, बल्कि यह पर्व हमें मानव जीवन में धर्म, सत्य और मर्यादा के महत्व का बोध भी कराता है. यह हमें रावण जैसे अहंकारी और अधर्मी के अंत और भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन के गुणों का स्मरण कराता है. दशहरे का पर्व हमें ये संदेश देता है कि अधर्म, अन्याय और अहंकार चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, अंत में उसकी हार निश्चित है. रावण के पास अपार बल, सोने की लंका और शक्तिशाली सेना थी, लेकिन वह अपने अहंकार और अधर्म के कारण पराजित हुआ. यह त्योहार हमें सिखाता है कि अहंकार की ज्वाला स्वयं उस व्यक्ति का नाश करती है, जिसके भीतर अहंकार होता है.