
रुद्रप्रयाग, 22 अक्टूबर। केदारनाथ मंदिर के कपाट बृहस्पतिवार को प्रात: 8:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक परंपराओं के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बुधवार को केदारनाथ भगवान की चल विग्रह पंचमुखी डोली को मंदिर के सभामंडप में विराजमान कर दिया गया। मंदिर के कपाट बंद होने की प्रक्रिया विशेष पूजाओं के साथ सुबह चार बजे से शुरू हो जाएगी। कपाट बंद होने के बाद बाबा की पंचमुखी डोली रात्रि प्रवास के लिए अपने पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी।
केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत बुधवार को भंडारगृह से चल विग्रह पंचमुखी डोली को केदारसभा के पदाधिकारियों की अगुवाई में मंदिर में लाया गया। सभामंडप में डोली को विराजमान करने के बाद यहां विशेष पूजाएं हुईं।
इस दौरान केदारसभा के अध्यक्ष पंडित राजकुमार तिवारी, केदारसभा के मंत्री पंडित अंकित प्रसाद सेमवाल, धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला, पुजारी बागेश लिंग, आचार्य संजय तिवारी और अखिलेश शुक्ला आदि मौजूद रहे। डीएम प्रतीक जैन ने बताया कि केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, यातायात, चिकित्सा और अन्य व्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं।
17.39 लाख श्रद्धालु कर चुके दर्शन
इस वर्ष केदारनाथ यात्रा के दौरान 17.39 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। शुरुआत से ही केदारनाथ के दर्शनों के लिए तीर्थयात्रियों का रैला उमड़ पड़ा। बुधवार को भी पांच हजार से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ के दर्शनों के लिए पहुंचे। केदारनाथ में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। बुधवार को यहां दोपहर बाद कोहरा छाया रहा जिससे तीर्थयात्री शाम को ही कमरों में चले गए।
सांसद अनिल बलूनी और गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर ने परिवार संग किए दर्शन
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने बुधवार को परिवार संग बाबा केदार के दर्शन किए। उन्होंने बाबा केदार की विशेष पूजाओं में प्रतिभाग किया और जलाभिषेक कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। सांसद ने मंदिर के कपाट बंद होने पर की जाने वाली व्यवस्थाएं भी देखीं। इधर गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे भी परिवार के साथ केदारनाथ पहुंचे। उन्होंने केदारनाथ का अभिषेक कर मनौतियां मांगीं।