
देहरादून, 23 अक्टूबर। सेना में अग्निवीर भर्ती के लिए युवाओं को निशुल्क प्रशिक्षण देने की मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) खेल विभाग ने तैयार कर ली है। विभाग की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए युवाओं के हाईस्कूल में 45 प्रतिशत या उससे अधिक अंक के साथ राज्य का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर खेल विभाग ने भर्ती से पहले प्रशिक्षण देने की एसओपी तैयार की है। प्रशिक्षण का मकसद युवाओं को अग्निवीर भर्ती के लिए तैयार करना है, जिससे वह सेना में अपना करियर बना सकें। अग्निवीर भर्ती पूर्व प्रशिक्षण के लिए इच्छुक युवक व युवतियों के लिए उत्तराखंड राज्य का मूल व स्थायी निवासी या उत्तराखंड राज्य में किसी संस्थान में अध्ययनरत व सेवारत होना अनिवार्य है।
अग्निवीर भर्ती के लिए युवाओं को निशुल्क प्रशिक्षण के लिए ये शर्तें जरूरी
उत्तराखंड का मूल या स्थायी निवासी होने के साथ ही प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत युवाओं को मिलेगा मौका
अग्निवीर भर्ती पूर्व प्रशिक्षण के लिए इच्छुक युवक-युवतियों के लिए उत्तराखंड राज्य का मूल/स्थायी निवासी अथवा उत्तराखण्ड राज्य में किसी संस्थान में अध्ययनरत/ सेवारत होना अनिवार्य है।
अभ्यर्थी की आयु 16 वर्ष से अधिक होनी जरूरी है।
अभ्यर्थी को प्रशिक्षण के लिए हाईस्कूल परीक्षा 45 प्रतिशत या उससे अधिक अंक के साथ पास होनी चाहिए तथा हरेक विषय में कम से कम 33 प्रतिशत अंक अथवा उससे अधिक होने चाहिए। इसके लिए अभ्यर्थी को जिला खेल कार्यालय/जिला युवा कल्याण अधिकारी कार्यालय में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। छात्र/छात्रा को चिकित्सक द्वारा प्रदत्त स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा। प्रशिक्षण के दौरान छात्र/छात्रा को खेल किट (वेशभूषा-टी शर्ट, नेकर, स्पोर्ट्स शूज, मौजा) में उपस्थित होना अनिवार्य है।
छात्र/छात्रा के शरीर पर किसी प्रकार कोई टैटू अथवा किसी प्रकार अप्राकृतिक स्थायी निशान आदि गुदा हुआ नहीं होना चाहिए। इच्छुक छात्र/छात्रा को खेल स्टेडियम/खेल मैदान में नियुक्त विभागीय प्रशिक्षक द्वारा ही प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
उत्तराखंड की शानदार सैन्य परंपरा रही है, यहां के प्रत्येक परिवार से कोई न कोई सदस्य सेना में जाता है। इसीलिए सरकार अग्निवीर भर्ती से पूर्व प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। प्रदेश सरकार ने अग्निवीरों को सेवाकाल के बाद सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का निर्णय लिया है।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री



