52 साल के महिला वनडे विश्व कप के इतिहास में भारत की बेटियां पहली बार बनी चैंपियन

स्पोर्ट्स डेस्क। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है. आईसीसी विमेंस वनडे विश्व कप के फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार ये खिताब भारतीय बेटियों ने अपने नाम किया है. 52 साल के वर्ल्ड कप इतिहास में तीसरी बार भारतीय महिला टीम ने वर्ल्ड कप फाइनल में प्रवेश किया था. और आखिरकार इस बार हरमन ब्रिगेड ने ट्राफी अपने नाम कर ली।
भारतीय महिला टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका के सामने 299 रनों का लक्ष्य रखा था. शेफाली और दीप्ति ने फिफ्टी जड़ी थी. लेकिन इसके जवाब में उतरी साउथ अफ्रीकी टीम 246 पर सिमट गई. भारत ने 52 रनों से ये मुकाबला अपने नाम कर लिया.
दीप्ति शर्मा ने 5 विकेट झटके
ये खिताबी वनडे विश्व कप मैच डीवाई पाटिल स्टेडियम में हुआ. पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने शेफाली के 87 और दीप्ति के 58 रनों के दम पर 298 रन बनाए थे. लेकिन साउथ अफ्रीकी टीम इसे चेज नहीं कर सकी।
अमनजोत के बुलेट की रफ्तार से किये थ्रो से तजमिन ब्रिट्स की उड़ गईं गिल्लियां
यह पूरा वाकया साउथ अफ्रीकी पारी के 10वें ओवर में हुआ. उस ओवर में रेणुका सिंह ठाकुर की तीसरी गेंद को ताजमिन ब्रिट्स ने मिड-विकेट की तरफ खेला था यहां रन था नहीं, लेकिन ताजमिन रन लेने के लिए निकल पड़ी थीं. गलती उन्होंने दौड़ने के दौरान भी कर दी, वो तिरछी लाइन में भागीं. अगर वो सीधी लाइन में दौड़ती तो शायद क्रीज तक पहुंच जाती। ताजमिन ब्रिट्स ने डाइव नहीं लगाई, बस बल्ला स्लाइड करने की कोशिश की. अमनजोत कौर का थ्रो इतना शानदार था कि अफ्रीकी बल्लेबाज के पास कोई चांस ही नहीं था. अमनजोत ने तेजी से गेंद उठाई और पलटकर स्टम्प पर निशाना साधा था. इस रन आउट के साथ ही साउथ अफ्रीका की लय थोड़ी सी टूटी.

मैच का टर्निंग पॉइंट
मैच का टर्निंग पॉइंट लॉरा वोल्वार्ड्ट का विकेट रहा, जिन्हें अमनजोत कौर की गेंद पर दीप्ति शर्मा ने अपनी ही गेंद पर कैच कर लिया। लॉरा अपना शतक पूरा कर चुकी थीं और उन्हें जीत के लिए 79 रनों की ज़रूरत थी। इसके बाद भारतीय गेंदबाज़ों ने दबदबा बनाया और जीत टीम की झोली में डाल दी।
वर्ल्ड कप टीम से थीं बाहर, अचानक मिला चांस… फाइनल में शेफाली वर्मा ने खेली गजब की पारी प्लेटर आफ दे फाइनल रहीं
स्मृति मंधाना तो आउट हो गईं, लेकिन शेफाली वर्मा की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी जारी रही. शेफाली ने महज 78 गेंदों पर 87 रन बनाए, जिसमें सात चौके और दो छक्के शाम शामिल रहे. शेफाली को अयाबोंगा खाका ने सुने लुस के हाथों कैच आउट कराया. शेफाली के ओडीआई करियर का ये बेस्ट स्कोर रहा. देखा जाए तो शेफाली ने लगभग 3.5 साल बाद वनडे इंटरनेशनल में फिफ्टी प्लस स्कोर बनाया. शेफाली शतक तो नहीं बना पाईं, लेकिन उन्होंने अपनी बैटिंग से फैन्स को काफी मनोरंजन किया। शेफाली वर्मा वर्ल्ड कप स्क्वॉड का हिस्सा नहीं थीं, लेकिन प्रतीका रावल के चोटिल होकर बाहर होने के बाद उनकी किस्मत चमक गई. प्रतीका को बांग्लादेश के खिलाफ लीग मैच में फील्डिंग करने के दौरान घुटने और टखने में चोट लग गई थी, इसके चलते उन्हें वर्ल्ड कप के नॉकआउट मैचों से बाहर होना पड़ा. प्रतीका के बाहर होने के उपरांत भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने शेफाली वर्मा को टीम में शामिल करने की आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) से अनुमति मांगी, जिसे स्वीकार कर लिया गया था.
पीएम मोदी ने दी जीत की बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारतीय महिला क्रिकेट टीम को आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 जीतने पर हार्दिक बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 के फाइनल में भारतीय टीम की शानदार जीत। फाइनल में उनका प्रदर्शन अद्भुत कौशल और आत्मविश्वास से भरा था। टीम ने पूरे टूर्नामेंट में असाधारण टीम वर्क और दृढ़ता दिखाई। हमारी खिलाड़ियों को बधाई। यह ऐतिहासिक जीत भविष्य के चैंपियन खिलाड़ियों को खेलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी।’देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/
इतिहास रच दिया: खेल मंत्री मंडाविया
केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने भारतीय टीम को बधाई देते हुए एक्स पोस्ट में लिखा, “इतिहास रच दिया! हमारी ‘वूमेन इन ब्लू’ का क्या शानदार प्रदर्शन रहा है। 140 करोड़ भारतीय इस गर्व के पल का जश्न मना रहे हैं। विश्व चैंपियंस को हार्दिक बधाई!



