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मेडिकल स्टोरों पर ड्रग विभाग का औचक निरीक्षण, कहीं दसवीं पास बेच रहा दवाई, तो कहीं मिली गंदगी

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देहरादून, 3 नवम्बर। मेडिकल स्टोर में अनियमितता की शिकायत पर सोमवार को एक बार फिर जिला विधिक प्राधिकरण ने ड्रग विभाग के अधिकारियों के साथ औचक निरीक्षण किया। दसवीं पास मेडिकल स्टोर में दवाइयां बेच रहा था तो कहीं, गंदगी का आलम मिला। इसके अलावा सेल परचेज के बिल, कोल्ड स्टोरेज, एक्सपायरी दवाइयां से संबंधित अनियमितताएं मिलने पर कार्रवाई की गई। इस दौरान सात मेडिकल स्टोर पर छापा मारा जिसमें तीन को बंद कराया गया।

पटेल नगर में 10वीं पास बेच रहा था दवाई
कई जगहों पर यह पाया गया है कि फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में या बिना किसी योग्य लाइसेंसधारी व्यक्ति की देखरेख के, दसवीं पास या अन्य गैर-योग्य कर्मचारी दवाएं बेच रहे थे। यह औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 का गंभीर उल्लंघन है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सीमा डुंगराकोटी ने बताया कि सेफ ड्रग-सेफ लाइफ अभियान के तहत ड्रग विभाग के साथ पटेलनगर क्षेत्र के अलग अलग मेडिकल स्टोरों का संयुक्त निरीक्षण किया गया। इसमें वरिष्ठ औषधि निरीक्षक ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन मनेन्द्र सिंह राणा, औषधि निरीक्षक ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विनोद जगुड़ी और निधि रतूड़ी शामिल रहे। सबसे पहले टीम ए-वन फॉर्मेसी पश्चिम पटेलनगर पहुंची जहां फॉर्मासिस्ट प्रीति गोयल नहीं थी। 10 वीं पास आशीष देवीलाल मिले। स्टोर में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे। फ्रिज के तापमान डिस्प्ले पर 17 डिग्री पाया गया। फॉर्मासिस्ट की अनुपस्थिति और अन्य अनियमितताओं के मद्देनजर स्टोर को उसी समय बंद करवाया गया और स्पष्टीकरण के निर्देश दिए गए।

कुछ मेडिकल स्टोरों पर गंदगी और अस्वच्छता मिली
कुछ मेडिकल स्टोरों पर गंदगी मिली, जो दवाओं के सुरक्षित भंडारण और वितरण के लिए निर्धारित मानकों के विरुद्ध है। कुछ मामलों में, मेडिकल स्टोर बिना वैध लाइसेंस के संचालित होते पाए गए। तो कहीं निरीक्षण टीमों ने प्रतिबंधित या नशीली दवाओं की अवैध बिक्री या भंडारण का भी पता लगाया है, जिनके लिए उचित रिकॉर्ड या लाइसेंस नहीं थे। कई दुकानों से एक्सपायर्ड दवाएं भी जब्त की गईं।

अभिलेखों का अभाव
दवाओं की खरीद-बिक्री (सेल-परचेज) के उचित रिकॉर्ड और कैश मेमो जारी न करने जैसी कमियां भी मिलीं उन पर कार्रवाई की गयी इन अनियमितताओं के पाए जाने पर, ड्रग विभाग ने तत्काल कार्रवाई की है: दवाओं के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।
दोषी पाए गए मेडिकल स्टोर संचालकों को नोटिस जारी किए गए हैं और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। कई दुकानों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं या उन्हें सील कर दिया गया है। गंभीर मामलों में, संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम और एनडीपीएस एक्ट (स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम) के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं और गिरफ्तारियां भी हुई हैं

इसी तरह खालसा मेडिकल स्टोर, एमपीएस मेडिकोज राधे, मेडिकोज पटेलनगर में स्टोर मालिक योगेश और फॉर्मासिस्ट शिवकुमार नहीं थे। फॉर्मासिस्ट काशीराम मिले। उनका लाइसेंस यूपी में रजिस्टर्ड है। एक मेडिकल स्टोर में स्टोर में फॉर्मासिस्ट की अनुपस्थिति और अनियमितताओं के मद्देनजर निरीक्षण टीम ने स्टोर को उसी समय बंद करवाया। स्पष्टीकरण देने को कहा गया। इसके बाद सिमरन फॉर्मेसी पटेलनगर में फार्मासिस्ट लाइसेंस पर रजिस्टर्ड नहीं मिला।

साई कृपा मेडिकोज पटेलनगर में रजिस्टर्ड फॉर्मासिस्ट जयवीर सिंह अनुपस्थित मिले। लाइसेंस कॉपी स्टोर को उपलब्ध नहीं थी। ई-इंटीमेशन दिखाया गया। स्टोर के क्रय-विक्रय रजिस्टर को व्यवस्थित और सही करने के निर्देश दिये गए, अनियमितताओं के कारण क्रय-विक्रय पर रोक लगा दी गई। सातवां ए-वन फॉर्मेसी पटेलनगर में फॉर्मासिस्ट अंजुम निरीक्षण के समय उपस्थित मिली।

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