
केएस रावत। महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय bithyani यमकेश्वर पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड, त्रिभुवन विश्वविद्यालय काठमांडू, नेपाल एवं विश्वसंवाद केंद्र, उत्तराखंड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित स्व. आनंद सिंह बिष्ट पूर्व प्रबंधक महायोगी गुरू गोरखनाथ महाविद्यालय bithyani, यमकेश्वर पौड़ी गढ़वाल की स्मृति में 8 दिवसीय (तिथि 20/11/2025से 29/11/2025तक) व्याख्यानमाला का शुभारंभ महाविद्यालय प्राचार्य प्रो.(डॉ.) योगेश कुमार शर्मा के उद्बोधन से आभासी माध्यम से किया गया।
विद्या भारती के प्रदेश निरीक्षक रहे मुख्य वक्ता

व्याख्यान माला के प्रथम दिन मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. विजयपाल सिंह प्रदेश निरीक्षक भारतीय शिक्षा समिति (विद्या भारती) उत्तराखंड रहे। डॉ विजयपाल सिंह ने भारतीय ज्ञान परम्परा और स्वबोध पर व्याख्यान दिया। उन्होंने वेद पुराण से लेकर अब तक भारतीय ज्ञान परम्परा की यात्रा और स्वबोध का क्या परस्पर संबंध रहा है, विषय पर विस्तार से बताते हुए विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने बताया कि भारत कैसे अपने गौरवशाली अतीत को प्राप्त कर सकता है।
व्याख्यानमाला में देश-विदेश के छात्र रहे शामिल
व्याख्यान माला के प्रथम दिन पूरे नेपाल व उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। व्याख्यान माला में महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय के प्राध्यापकों, कर्मचारियों व छात्र छात्राओं की उपस्थिति सराहनीय थी। व्याख्यान की समाप्ति पर व्याख्यान माला के संयोजक डॉ गिरिराज सिंह ने डॉ विजयपाल सिंह, नेपाल के छात्र छात्राओं, उत्तराखंड में दूर दराज से आभासी माध्यम से जुड़े विद्यार्थियों सामाजिक कार्यकताओं का व्याख्यान माला में प्रतिभाग करने पर आभार जताया।
व्याख्यान माला का संचालन डॉ नीरज नौटियाल असिस्टेंट प्रोफेसर संस्कृत ने किया। चेतन भट्ट असिस्टेंट प्रोफेसर रसायन शास्त्र, योग शिक्षक नरेश राणा ने व्याख्यान माला में तकनीकी सहयोग किया। व्याख्यान माला का समापन महाविद्यालय के प्राचार्य, प्रोफेसर(डॉ.) योगेश कुमार शर्मा ने मुख्य वक्ता विजयपाल सिंह व समस्त प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए किया।



