उत्तरप्रदेशउत्तराखंडक्राइमदेश-विदेशबड़ी खबरयूथ कार्नरवीडियोसामाजिकस्वास्थ्य

यमकेश्वर में नदियां शांत, गुमालगांव में मलबा आने से पेयजल स्रोत दबा, वीडियो

Listen to this article

यमकेश्वर। यमकेश्वर में अब सतरुद्रा नदी शांत है, लेकिन बड़कोट गुमालगांव में मलबा आने से पेयजल स्रोत दब गया है। शुक्रवार सुबह से शनिवार दोपहर तक लगातार 30 घंटे हुई मूसलाधार बारिश से पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लाक की ताल, हेंवल और सतरुद्रा (सतेड़ी) नदियां भारी उफान के बाद अब थोड़ी शांत तो जरूर हैं, लेकिन वो अपने पीछे ढेर सारी दुश्वारियां के जख्म छोड़ गयी हैं। पौड़ी जनपद के अकेले यमकेश्वर क्षेत्र में 182 मिमी. वर्षा रिकार्ड की गयी।

शुक्रवार से हो रही बारिश हालांकि अब थम-सी गयी हैं, लेकिन ग्रामीणों की दुश्वारियां उनका पीछा कहां छोड़ने वाली हैं। एक ओर जहां कल लोग नदियों के रौद्र रूप से भयभीत थे, अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट आन खड़ा हुआ है।

बड़कोट गुमालगांव में पेयजल स्रोत दबा

बादल फटने और अतिवृष्टि से बड़कोट गुमालगांव में मलबा आने से एकमात्र पेयजल स्रोत मलबे में दब गया है। जिस कारण ग्रामीणों में अब पेयजल की समस्या उत्पन्न हो गयी है। नदियां अब भले ही शांत हो गयी हैं, लेकिन वो अपने पीछे ऐसी दुश्वारियां छोड़ गयी हैं, कि जिनकी भरपाई करना नामुमकिन है। पहाड़ों का जीवन वैसे भी किसी न किसी संकटों से ग्रस्त रहता ही है। अधिकांश सड़कें, रास्ते बादल फटने से क्षतिग्रस्त हैं, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। https://sarthakpahal.com/

यमकेश्वर मंदिर का गेट बहा
बादल फटने के बाद भारी बारिश से यमकेश्वर महादेव के मंदिर का गेट बह गया। इसके अलावा इंटर कालेज यमकेश्वर में जाने के लिए बना पैदल मार्ग भी बारिश की भेंट चढ़ गया। डिकेडा सिगड़ी में छह लोगों के मकान और चाई दमराड़ा में विनोद डबराल के चार मछली के तालाब, ट्रैक्टर ट्राली, मिक्सर मशीन, कृषि यंत्र सहित अन्य सामान भी कल आई भारी बारिश की भेंट चढ़ चुका है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button