तीन दिन बाद भी पथराई आंखें तलाशती रही अपनों को, पता नहीं कहां चले गये

नई टिहरी। तीन दिन बाद भी अतिवृष्टि के कारण मलबे में दबे एक ही परिवार के पांच लोगों का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। शवों का पता लगाने में रेस्क्यू टीम के भी हाथ-पैर फूल गये। आज फिर तलाशी अभियान चलाया जायेगा। जिला प्रशासन ने घटना में मारे गये राजेंद्र सिंह के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये राहत राशि के चेक दिये हैं। https://sarthakpahal.com/
एक किमी तक चलाया तलाशी अभियान
बादल फटने से जौनपुर ब्लाक के कुमाल्डा में भारी तबाही मची थी, जिसमें ग्वाड़ गांव के दो परिवारों के सात लोग मलबे में दब गये थे। शनिवार को ग्रामीणों ने राजेंद्र सिंह और उनकी पत्नी सुनीता के शव बरामद कर लिए थे, लेकिन कमांद और उनके परिवार के चार लोग अभी भी सबकी नजरों से ओझल हैं। रेस्क्यू अभियान के 17 लोग लगातार तलाशी अभियान में जुटे हैं। जिलाधिकारी डा. सौरभ गहरवार का कहना है कि ग्वाड़ में घटनास्थल से एक किमी तक टीम ने तलाशी अभियान चलाया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
कद्दूखाल से लालपुल तक यातायात बहाल
आपदा से बंद जौनपुर ब्लाक के कद्दूखाल-सत्यों मोटर मार्ग पर सोमवार को 54 किमी तक यातायात बहाल करने में प्रशासन कामयाब रहा। कद्दूखाल से लालपुल तक वाहनों का संचालन शुरू हो गया, लेकिन लालपुल से आगे नौ किमी सड़क यातायात के लिए अभी पूरी तरह से बंद पड़ी है। सोमवार को डीएम ने चफल्टी, तौलियाकाटल, कुमाल्डा आदि आपदाग्रस्त क्षेत्रों में नुकसान का जायजा लिया।
विधायक प्रीतम सिंह पंवार भी जुटे हैं राहत कार्य में
क्षेत्रीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार भी प्रशासन की टीम के साथ हरसंभव सहयोग कर प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचा रहे हैं। विधायक ने कहा कि रास्ते और संचार सुविधाएं पूरी तरह से ध्वस्त हुई हैं। उसे ठीक करने के लिए कर्मचारी लगातार कोशिश कर रहे हैं। सड़क और पैदल रास्ते टूटने की वजह से ग्रामीण गांवों तक ही सीमित रह गये हैं। गांव के पास बह रही सौंग नदी का बहाव अब भी काफी तेज है।